ये नीतीश राज का सदर अस्पताल है: चोट लगने के बाद सिर का सीटी स्कैन कराने गया मरीज को छाती का स्कैन कर दिया

ये नीतीश राज का सदर अस्पताल है: चोट लगने के बाद सिर का सीटी स्कैन कराने गया मरीज को छाती का स्कैन कर दिया

CHAPPARA : ये बिहार है औऱ इस बिहार के स्वास्थ्य महकमे के किस्से शायद कभी खत्म नहीं होंगे. छपरा में एक व्यक्ति के सिर में चोट लगी तो डॉक्टर ने सीटी स्कैन कराने को कहा. मरीज जब सदर अस्पताल के सीटी स्कैन सेंटर में गया तो सिर के बजाय छाती का सीटी स्कैन कर दिया गया. मरीज दर दर भटक रहा है औऱ कोई सुनने वाला नहीं है. 


छपरा सदर अस्पताल में हुआ कारनामा
दरअसल छपरा के खैरा गांव के 25 वर्षीय युवक अशोक कुमार सिंह के सिर में चोट लगी जिससे वह जख्मी हो गयी थी. अपना बेहतर इलाज कराने वह छपरा शहर आया तो डॉक्टर ने कहा कि सिर का सीटी स्कैन करा कर लाओ. डॉक्टर की सलाह के बाद अशोक छपरा सदर अस्पताल पहुंचा. वहां सरकार ने पीपीपी मोड पर सीटी स्कैन कराने की व्यवस्था कर रखी है. छपरा सदर अस्पताल में कल्पना सीटी स्कैन सेंटर खुला है. 


पैसे भी वसूले, रिपोर्ट भी गलत दी
अशोक के परिजनों ने बताया कि कल्पना सीटी स्कैन सेंटर में उनसे स्कैन का 738 रूपया चार्ज भी लिया गया. उन्हें डॉक्टर का वह पुर्जा दिया गया जिसमें स्कैन कराने की सलाह लिखी गयी थी. अगले दिन सीटी स्कैन की रिपोर्ट मिली, जिसे लेकर वह अपने डॉक्टर को दिखाने गया. शनिवार को डॉक्टर ने जब सीटी स्कैन की रिपोर्ट अपने डॉक्टर को दिखाया तो वह हैरान हो गये. डॉक्टर ने अशोक को बताया कि ये रिपोर्ट उसके सिर की नहीं बल्कि छाती की है. 


भटक रहा है मरीज 
डॉक्टर ने मरीज को कहा है कि वह सिर की सीटी स्कैन कराके रिपोर्ट लाये ताकि उसे लगी चोट का इलाज कराया जा सके. मरीज के पिता रामाधार सिंह न बताया कि शहर के ज्यादातर निजी सीटी स्कैन सेंटर बंद हैं. कुछ सेंटर खुले भी हैं तो वहां सिर्फ कोरोना की जांच हो रही है. अब बेटे की जांच कराने कहां जायें. सदर अस्पताल ने तो धोखा दे दिया, अब बेटे का इलाज कहां से करायें ये समझ में नहीं आ रहा है.


छपरा सदर अस्पताल में हुए इस कारनामे से स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी अनभिज्ञ हैं. जिले के सिविल सर्जन औऱ सदर अस्पताल के अधीक्षक ने बताया कि उन्हें ऐसे कोई शिकायत नहीं मिली है. अगर शिकायत मिलेगी तो जांच कर नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जायेगी.