PATNA : बिहार में तैनात बड़े अधिकारियों के खिलाफ अब प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी नकेल कसने की तैयारी में है। पिछले एक से डेढ़ साल के दौरान एजेंसियों ने बिहार में तैनात राज्य और केंद्र सरकार के अलग-अलग कार्यालयों में काम करने वाले अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया था और अब ईडी इन बड़े धनकुबेरों की संपत्ति पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में राज्य निगरानी ब्यूरो के साथ-साथ सीबीआई की तरफ से लिए गए एक्शन में कुल 7 ऐसे धनकुबेर अधिकारियों के खिलाफ जांच करेगी, जिन्होंने अकूत संपत्ति अर्जित की।
आपको बता दें कि बिहार और केंद्रीय एजेंसियों ने कुल 30 भ्रष्ट लोकसेवकों के खिलाफ डीए केस दर्ज करते हुए एक्शन लिया था और अब इन्हीं लोकसेवकों के ऊपर ईडी भी शिकंजा कसने की तैयारी में है। इन सभी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने एनफोर्समेंट केस इनफार्मेशन रिपोर्ट दर्ज करके पीएमएलए से जुड़े सभी मामलों की जांच शुरू कर दी है। पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार और काली कमाई के इस मामले में ईडी बड़े एक्शन की तैयारी में है। जानकार बता रहे हैं कि कुछ बड़े आईएएस अधिकारियों तक प्रवर्तन निदेशालय की जांच पहुंच सकती है इस लिस्ट में आईपीएस अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं। 2022 में ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता संजय कुमार राय पर डीए केस दर्ज किया गया था इस मामले में एक आईपीएस अधिकारी की काली कमाई की हिस्सेदारी की भी जानकारी मिली है और डीटीओ रजनीश कुमार लाल के ऊपर जो कार्रवाई की गई थी इस मामले में एक सीनियर आईएएस अधिकारी के इन्वेस्टमेंट का भी पता चला है। ऐसे में जांच आईएएस और आईपीएस अधिकारियों तक पहुंच सकती है।
निगरानी ब्यूरो के लेवल से की गयी कार्रवाई में पटना के तत्कालीन डीटीओ अजय कुमार ठाकुर, मुजफ्फरपुर के तत्कालीन डीटीओ रजनीश कुमार लाल, ग्रामीण कार्य विभाग में किशनगंज प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता संजय कुमार राय, पटना-5 के औषधि निरीक्षक जितेंद्र कुमार, पूर्णिया के तत्कालीन जिला अवर निबंधक उमलेश प्रसाद सिंह शामिल हैं। इनके अलावा सीबीआई के स्तर से हाजीपुर रेल जोन के वरीय अधिकारी संजय कुमार सिंह और एनएचआई के पटना कार्यालय में तैनात क्षेत्रीय अधिकारी सदरे आलम भी शामिल हैं। इन दोनों को मोटी घूसखोरी के आरोप में गिरफ्तार कर इन पर डीए केस किया गया था।