PATNA : बिहार सरकार के अधिकारी हमेशा किसी न किसी कारणों से सुर्खियों में बने रहते हैं। इनमें से ज्यादातर मामलों में उनकी कार्यशैली पर सवाल होते हैं। इसी कड़ी में अब एक ताजा मामला बिहार सरकार के राज्य परियोजना प्रबंधकों से जुड़ा हुआ है। इन्होने सरकार की ही संपत्ति पर अपना अधिकार जमा लिया है।
दरअसल, महिला बाल विकास निगम के लिखा अधिकारी ने शनिवार को निगम के तीन पूर्व राज्य परियोजना प्रबंधकों समेत चार लोगों विरुद्ध सरकारी संपत्ति हड़पने की प्राथमिकी कोतवाली थाने में दर्ज करवाई है। इस प्राथमिकी के अनुसार पाटलिपुत्र थाने के नेहरू नगर निवासी रूपेश कुमार सिन्हा, पटना सिटी के रामअवतार, खत्रीपथ निवासी छवि रंजन, कदमकुआं थाना के सालिमपुर अहरा निवासी रतनकुमार (तीनों तत्कालीन एसपीएम) और बेली रोड जगदेव पथ मुरलीचक निवासी तत्कालीन प्रबंधक राधेश्याम राम का नाम शामिल है। इसको लेकर सचिवालय थानेदार भागीरथ प्रसाद ने बताया कि निगम के चारों पूर्व अधिकारियों के विरुद्ध केस दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
बता दें कि, रूपेश कुमार सिन्हा, छवि रंजन और रतन कुमार महिला एवं बाल विकास निगम में एसपीएम के पद पर तैनात थे। जबकि राधेश्याम राम निगम के मैनेजर थे। निगम ने कार्य करने के लिए इन लोगों को एक- एक सरकारी लैपटॉप और मोबाइल फोन दिया गया था। दो वर्ष पूर्व जब इन अधिकारियों की सेवा निगम ने समाप्त कर दी। इसके बावजूद आरोपितों ने सरकारी लैपटॉप और मोबाइल विभाग को वापस नहीं किए।
बताते चलें कि, इस संबंध में निगम के लेखा अधिकारी शशि द्विवेदी ने थाने में आवेदन दिया है। उनका कहना है कि चारों को लैपटॉप और मोबाइल जमा करने के लिए कई बार कहा गया था। लेकिन सेवा समाप्त होने के बाद भी वे अवैध तरीके से सरकारी संपत्ति अपने पास रखे हुए हैं। आवेदन देकर इन आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गयी है।