PATNA : बिहार के राजनेताओं ने एक और नया रिकॉर्ड बना लिया है। मामला चुनाव लड़ते वक्त दिए गए हलफनामे में जानकारी छिपाने का है। साल 2020 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले 243 में 40 विधायकों ने अपनी संपत्ति की गलत जानकारी हलफनामे में दी। इन 40 विधायकों में से 10 ऐसे हैं, जिनकी संपत्ति के ब्योरे में सबसे ज्यादा गड़बड़ी मिली है। कुछ की संपत्ति हलफनामे में दर्शायी गयी संपत्ति से 20 करोड़ तक ज्यादा है तो कुछ की 10 करोड़ से अधिक पायी गई है। संपत्ति को लेकर जानकारी छिपाने वाले विधायकों में जेडीयू, बीजेपी, आरजेडी, हम, कांग्रेस समेत अन्य दलों के सदस्य शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक इनमें से कुछ तो नीतीश सरकार में मंत्री भी हैं। आयकर विभाग की जांच में यह बातें सामने आयी हैं। विधायकों की संपत्ति की जांच कर इसकी रिपोर्ट केंद्रीय चुनाव आयोग को भेज दी गयी है।
सूत्रों की मानें तो आयकर विभाग की रिपोर्ट में 40 विधायकों की तरफ से संपत्ति की गलत जानकारी देने का पूरा डिटेल दिया गया है। विधानसभा चुनाव हारने वाले दो अन्य नेताओं ने भी अपनी संपत्ति का गलत ब्योरा दिया है। संपत्ति की गलत जानकारी देने वाले वाले विधायकों पर क्या कार्रवाई होगी यह केंद्रीय चुनाव आयोग तय करेगा। गलत हलफनामा देने वालों की सदस्यता तक जा सकती है। हालांकि इसकी प्रक्रिया लंबी है। संपत्ति की।असली जानकारी छिपाकर या कम दिखाकर आईटीआर (इनकम टैक्स रिटर्न) दायर करने के आरोप में इनको मोटा जुर्माना देना पड़ सकता है। इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। जानकारी के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री और हम के विधायक के जीतन राम मांझी की संपत्ति से जुड़े हलफनामे में भी गड़बड़ी है हालांकि उन्होंने इस बाबत जुर्माना देने की पहल करते हुए सुधार करने की बात कही है। इसी तरह अन्य विधायकों की बात करें तो आरजेडी के विधायक अनंत सिंह, रीत लाल यादव, सुरेंद्र प्रसाद यादव की संपत्ति के ब्योरे में भी जानकारियां छुपाए जाने की खबर है। चुनाव हारने वाले नेता जैसे कौशल यादव और हुलास पांडे की संपत्ति के बारे में भी गलत जानकारियां सामने आई हैं।
इन विधायकों ने जितनी चल और अचल संपत्ति है, उससे कम दिखाया गया है। कुछ ने संपत्ति का वास्तविक का मूल्य काफी कम करके बताया है। ऐसे ही एक विधायक ने पटना के बेहद पॉश इलाके में मौजूद अपनी संपत्ति को महज कुछ लाख का बताया है, जबकि हकीकत में इसकी कीमत करोड़ों में है। बैंक में जमा कैश और अन्य संपत्ति का ब्योरा भी छुपाया गया है। आईटीआर जितने का दायर करते हैं, उससे भी कम करके संपत्ति का ब्योरा प्रस्तुत किया है। कुछ ने पत्नी और बच्चों के नाम की संपत्ति का जिक्र ही नहीं किया है।