BAGHA : बिहार में एक बार फिर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोलने वाली तस्वीर सामने आई है. ताजा मामला पश्चिम चंपारण जिले के बगहा का है जहां एक महिला मरीज को परिजन कूड़ा ढोने वाला ठेला से अस्पताल लेकर पहुंच रहे हैं. परिजनों का कहना है कि उन्होंने काफी देर तक गाड़ी मिलने का इंतजार किया लेकिन जब मरीज की तबीयत बिगड़ने लगी तो मजबूरन उन्हें ठेले पर लादकर उसे अस्पताल ले जाना पड़ा.
जानकारी के अनुसार, मरीज का नाम कमली देवी है जो मलकौली की रहने वाली है. उसे तेज बुखार और सांस लेने में परेशानी थी. जिसके बाद परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराने के लिए गाड़ी की तलाश की. काफी देर बाद भी जब उन्हें कोई गाड़ी नहीं मिली तो उन्होंने कूड़ा ढोने वाले ठेला में लादकर मरीज को अस्पताल पहुँचाया. परिजनों ने बताया कि उन्होंने कूड़ा वाले ठेला से मरीज को लादकर करीब 7 किलोमीटर का सफ़र तय किया है.
आपको बता दें कि बगहा में आये दिन मरीज ठेला से ढोये जा रहे हैं लेकिन प्रशासन मरीजों के लिए लॉकडाउन में कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं कर पा रहा है. कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रशासन ने कहने को तो पूरी तैयारी की है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. मरीजों को अस्पताल जाने के लिए ऐम्बुलेंस या अन्य कोई वाहन नहीं मिल रहे हैं और परिजन अपने मरीजो की जान बचाने के लिए ठेला पर लेकर अस्पताल के लिए दौड़ लगा रहे है. बहरहाल सरकार चाहे जो भी दावा करे लेकिन ये ठेले से अस्पताल पहुंच रहे मरीज सरकार के वो तमाम दावों को खोखला साबित करने के लिए काफी हैं.