MADHEPURA : बिहार में दरिंदों के हैवानीयत की सारी हदें पार कर देने का मामला सामने आया है, वहीं सिस्टम की भी कलाई खुल कर सामने आ गयी. मामला मधेपुरा जिले के गम्हरिया थाना अन्तर्गत पिपराही गांव की है. जहां एक तीन साल की मासूम बच्ची दरिंदों के हवस का शिकार बन गयी.
यह शर्मनाक घटना बीते 25 मई की है. घटना की जानकारी देते हुए पिपराही, वार्ड 5 निवासी पीड़ित बच्ची के पिता विजय ऋषिदेव ने बताया कि बीते 25 मई की रात में उनकी तीन साल की मासूम बच्ची अपने दादा के साथ सोयी हुई थी. रात को बच्ची एक बार उठी थी लेकिन फिर सो गयी. बाद में बच्ची की बड़ी बहन उठी तो बच्ची को दादा के पास नहीं देखकर दादा सहित परिवार के सभी लोगों को जगाया. काफी खोजबीन के बावजूद बच्ची नहीं मिली. वहीं जब सुबह कुछ महिलाएं शौच के लिए बाहर निकली तो पीड़ित बच्ची के घर से करीब दो सौ मीटर दूरी पर एक बांसबाडी में खुन से लथपथ बेहोश मिली. परिजनों ने आनन फानन में बच्ची को गम्हरिया पीएचसी लाया.
पीएचसी में प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सक ने परिजन को कहा कि यह मामला पुलिस से सम्बंधित है, तो परिजन गम्हरिया थाना गये। वहां उनका आवेदन यह कहकर नहीं लिया गया कि अज्ञात के नाम पर मामला दर्ज नहीं होगा. जिसके बाद परिजन बच्ची को लेकर वापस घर लौट आये. अगली सुबह पीड़िता के परिजन बच्ची को मधेपुरा के JNKT मेडिकल कॉलेज ले गये. जहां उनसे थाना के रिपोर्ट की डिमांड कर दी गई. उस दिन भी परिजन सुबह से शाम तक अपनी बच्ची की सलामती के लिए यहां वहां के चक्कर लगाते रहे. फिर काफी रात तक कुछ भी कार्यवाही नहीं होने पर परिजन फिर घर वापस लौट गये.
शनिवार की सुबह सिंहेश्वर PHC पहुचें. जहां से उन्हें मधेपुरा सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। यहां पर सदर एसडीपीओ अजय नारायण यादव को जब इस मामले की सूचना मिली तो सदर अस्पताल पहुंचे. उन्होंने पूरे मामले की जानकारी परिजनों से ली और संबंधित थाने को अविलंब मामला दर्ज करने का आदेश दिया. बाद में एसडीपीओ. महिला थाना और गम्हारिया थाना के साथ खुद भी पीड़िता के घर जाकर हरेक पहलू पर बारीकी से जांच की. बहरहाल अब यह देखना लाजिमी होगा कि दरिंदगी की शिकार बनी इस मासूम बच्ची को कब तक इंसाफ मिल पाता है. और इस शर्मनाक घटना को अंजाम देने वाला दरिंदा कानून की पकड़ में आ पाता है.