PATNA: दरभंगा में दो इंजीनियरों की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा पाए मुकेश पाठक समेत अन्य सभी आरोपियो को पटना हाई कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। बिहार पुलिस द्वारा ठोस सबूत पेश नहीं करने के कारण कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी करने का फैसला सुनाया। जस्टिस आशुतोश कुमार की खंडपीठ ने मामले में दायर अपीलों की सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था जिसे बुधवार को सुनाया गया।
दरअसल, 26 दिसंबर 2015 को दरभंगा के बेनीपुर के शिवराम गांव में दो इंजीनियरों ब्रजेश कुमार सिंह और मुकेश कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी। इस डबल मर्डर केस ने पूरे बिहार को हिलाकर रख दिया था। इस घटना को लेकर खूब सियासत भी हुई थी। विपक्षी दलों ने सरकार की खूब घेराबंदी भी की थी। आरोप था कि संतोष दोनों इंजीनियरों से संतोष झा गैंग ने रंगदारी की मांग थी।
ई.ब्रजेश कुमार सिंह और ई.मुकेश कुमार सिंह निजी सड़क निर्माण कंपनी में इंजीनियर के पद पर तैनात थे। इस गैंग ने निर्माण कंपनियों में आतंक फैला रखा था। दो इंजीनियरों की हत्या की घटना को पुलिस ने चुनौती के रूप में लिया था। इसके बाद स्पेशल टास्ट फोर्स ने कुख्यात मुकेश पाठक को झारखंड से एक ट्रेन से अरेस्ट किया था। इस वारदात के समय संतोष झा रहले से जेल में बंद था। पुलिस ने मामले में अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।
दरभंगा के एडीजे कोर्ट ने साल 2015 के मार्च महीने में डबल मर्डर केस के आरोपी संतोष झा, मुकेश पाठक समेत 10 आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इस बीच संतोष झा की हत्या कर दी गई थी। सजा के एलान के बाद मुकेश पाठक समेत अन्य आरोपियों की तरफ से कोर्ट में कई अपीलें दायर की गई। जिसपर पटना हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए बुधवार को अपना फैसला सुनाया।