बिहार चुनाव में पोस्टल बैलेट के फैसले पर बखेड़ा, कांग्रेस को भारी गड़बडी की आशंका, चुनाव आयोग से फैसला रद्द करने को कहा

बिहार चुनाव में पोस्टल बैलेट के फैसले पर बखेड़ा, कांग्रेस को भारी गड़बडी की आशंका, चुनाव आयोग से फैसला रद्द करने को कहा

DELHI: बिहार विधानसभा चुनाव में 65 साल से ज्यादा उम्र के वोटरों को पोस्टल बैलेट के जरिये वोट देने के फैसले पर विवाद पैदा हो गया है. दिल्ली में आज कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से ये फैसला वापस लेने को कहा. कांग्रेस ने कहा है कि केंद्र सरकार ने ये फैसला लिया है. जिससे चुनाव में गड़बड़ी की आशंका है. ऐसे में चुनाव आयोग को इस पर रोक लगानी चाहिये. कांग्रेस ने कहा है कि पोस्टल बैटल के जरिये वोटिंग में प्रशासनिक और सरकारी तंत्र का दुरूपयोग कर बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की जा सकती है. 

दरअसल केंद्रीय कानून मंत्रालय ने चुनाव के नियमों में फेरबदल कर 65 साल से ज्यादा उम्र के वोटरों को पोस्टल बैलेट के जरिये वोट डालने की सुविधा देने का फैसला लिया है. वहीं कोरोना पीड़ित मरीजों को भी पोस्टल बैलेट के जरिये वोट डालने की सुविधा देने का फैसला लिया है. कांग्रेस ने केंद्र सरकार के इस फैसले को असंवैधानिक करार दिया है. 

कांग्रेस की ओर से अहमद पटेल, रणदीप सुरजेवाला, अभिषेक मनु सिंघवी जैसे नेताओं ने चुनाव आयोग से बात की और ज्ञापन सौंपा. कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत चुनाव आयोग को ऐसा कोई भी फैसला रद्द करने का अधिकार है. आयोग को अपने इस अधिकार का उपयोग करना चाहिये. कांग्रेस ने कहा “केंद्र सरकार ने जिस तरीके से पोस्टल बैलेट पर फैसला लिया है वो पूरी तरह से गलत है. सरकार ने ऐसा फैसला लेने से पहले किसी दूसरे राजनीतिक दल से कोई बात नहीं की है. केंद्र सरकार के इस फैसले पर सरसरी तौर पर भी निगाह डालने पर कई कानूनी और संवैधानिक गड़बड़ियां नजर आ रही हैं.”


कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि उनकी पार्टी का मानना है कि केंद्र सरकार का ये फैसला देश के लोकतांत्रिक ढ़ांचे पर सीधा हमला. केंद्र ने ये फैसला लेकर चुनाव आयोग के अधिकारों का भी उल्लंघन किया है. इससे सही और निष्पक्ष चुनाव खतरे में है. संविधान ने गुप्त मतदान का अधिकार दिया है लेकिन केंद्र सरकार के पोस्टल बैलेट के फैसले से मतदान गुप्त नहीं रह जायेगा. कांग्रेस ने ये भी कहा है कि बिहार में बड़ी संख्या में वोटर अशिक्षित हैं. पोस्टल बैलेट के मामले में उन्हें बरगला कर अपने पक्ष में वोट डालने के लिए मजबूर किया जा सकता है. कांग्रेस ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट भी कई दफे कह चुका है कि ऐसे फैसलों से पहले दूसरी राजनीतिक पार्टियों की सहमति ली जानी चाहिये. लेकिन केंद्र सरकार ने ऐसा नहीं किया. कांग्रेस ने कहा कि लोकसभा चुनाव में बड़ी तादाद में पोस्टल बैलेट रिजेक्ट हो गये थे. चुनाव आयोग को इसका भी ध्यान रखना चाहिये. 

बुजुर्गों के लिए अलग से बने मतदान केंद्र

कांग्रेस ने कहा कि कोरोना के खतरे को देखते हुए बुजुर्गों के लिए अलग से मतदान केंद्र की व्यवस्था की जानी चाहिये. ताकि वे कोरोना के संक्रमण से बच सकें.