बिहार बोर्ड 3 अक्टूबर को जारी करेगा STET का रिजल्ट, बीएड करने वाले अभ्यर्थियों को भी मिलेगा बड़ा मौका

बिहार बोर्ड 3 अक्टूबर को जारी करेगा STET का रिजल्ट, बीएड करने वाले अभ्यर्थियों को भी मिलेगा बड़ा मौका

PATNA : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) 2023 का रिजल्ट जल्द ही जारी करने का फैसला कर लिया है। बीएसईबी के तरफ से 3 अक्टूबर को एसटीईटी का रिजल्ट जारी हो जाएगा। एसटीईटी रिजल्ट जारी होने पर अभ्यर्थी bsebstet.com पर जाकर नतीजे चेक कर सकेंगे। इससे पहले बिहार बोर्ड एसटीईटी 2023 के सभी विषयों की आंसर-की जारी कर चुका है। इसकी आपत्तियां भी ली जा चुकी हैं। 


दरअसल, बिहार माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) 2023 का आयोजन 4 सितंबर से 5 सितंबर 2023 तक हुआ था।  इस बार बिहार बोर्ड एसटीईटी का रिजल्ट मार्क्स नॉर्मलाइजेशन प्रोसेस से बना रहा है। इसकी वजह अधिक संख्या और शिफ्टों और कई एग्जाम डेट्स के कारण रिजल्ट मार्क्स नॉर्मलाइजेशन प्रोसेस के आधार पर जारी किया जाएगा।


इसके अलावा बिहार बोर्ड अध्यक्ष ने आज यह घोषणा भी की है कि एसटीईटी परीक्षा अब से साल में दो बार आयोजित की जाएगी। शिक्षकों की कमी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। अब अधिकतर परीक्षाओं का रिजल्ट मार्क्स नॉर्मलाइजेशन प्रोसेस के आधार पर जारी किया जाता है। ऐसी ऑनलाइन प्रतियोगी परीक्षाएं जो अभ्यर्थियों की अधिक संख्या होने के चलते कई तिथियों व कई शिफ्टों में ली जाती हैं, उनमें मार्क्स नॉर्मलाइजेशन की पद्धति अपनाई जाती है। इसमें सभी स्टूडेंट्स को एक लेवल पर लाकर उनकी असल रैंक निकाली जाती है। 


बताया जा रहा है कि, बिहार एसटीईटी रिजल्ट 2023 देखने के लिए bsebstet.com पर जाएं। वेबसाइट के होम पेज पर आपको Result के लिंक पर क्लिक करना होगा। इसके बाद BSEB STET Result से संबंधित लिंक पर क्लिक करें। रोल नंबर समेत अन्य डिटेल्स डालें। सब्मिट करने पर आपका रिजल्ट व स्कोर कार्ड सामने आ जाएगा। 


आपको बताते चलें कि, सामान्य - 50 फीसदी, पिछड़ा वर्ग - 45.5 फीसदी, अत्यंत पिछड़ा वर्ग - 42.5 फीसदी, एससी, एसटी - 40 फीसदी, दिव्यांग - 40 फीसदी,महिला - 40 फीसदी पासिंग मार्क्स तय किया गया है। इसके साथ ही स्कूलों में शिक्षकों को देखते यह फैसला लिया गया है कि अब राज्य में दो दफे  एसटीईटी परीक्षा ली जाएगी। इसके साथ ही  इससे बीएड करने वाले अभ्यर्थियों को लाभ मिलेगा। शिक्षा विभाग ने साल में दो बार यह परीक्षा लेने का फैसला लिया है।