PATNA : लंबे इंतजार के बाद आज घोषित की गयी बिहार प्रदेश बीजेपी की नयी कमेटी ने पार्टी से सुशील मोदी का चैप्टर क्लोज होने के संकेत दे दिये. प्रदेश बीजेपी के अब किसी अहम पद पर सुशील मोदी कैंप का कोई नेता नजर नहीं आ रहा है. 80 फीसदी चेहरे वही हैं जो नित्यानंद राय और नागेंद्र नाथ या नागेंद्र जी की जोड़ी की पसंद माने जाते हैं. हां, प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल इस बात जरूर खुश हो सकते हैं कि उन्होंने अपने निजी सहायक के रूप में जाने वाले को भी बिहार बीजेपी का प्रदेश मंत्री बनवा लिया.
सुशील मोदी आउट
बिहार प्रदेश बीजेपी की जंबो जेट कमेटी का आज एलान हुआ. ज्यादा दिनों की बात नहीं है जब बीजेपी की प्रदेश कमेटी सुशील मोदी की कमेटी कहलाती थी. हालांकि पिछले दफे जब नित्यानंद राय प्रदेश अध्यक्ष बने थे तो सुशील मोदी का वर्चस्व टूटने लगा था. आज जब नये अध्यक्ष संजय जायसवाल की कार्यकारिणी का एलान हुआ तो जो पहला मैसेज आया वो यही था कि सुशील मोदी बीजेपी संगठन से आउट हो चुके हैं.
नयी कमेटी के एलान के बाद हमने बीजेपी दफ्तर में मौजूद कई नेताओं से बात की. वे कैमरे के सामने भले ही बोलने को तैयार नहीं थे लेकिन ऑफ द रिकार्ड बता रहे थे. चार दशकों से बीजेपी से जुड़े एक नेता पूरी तफ्शील से कहानी सुना रहे थे.
“पार्टी के 12 प्रदेश उपाध्यक्षों में से सुशील मोदी कैंप का कोई नहीं है. हां उनके धुर विरोधी माने जाने वाले नेता जरूर उपाध्यक्ष बन गये हैं. सिवान के सांसद रहे ओमप्रकाश यादव से लेकर मिथलेश तिवारी जैसे लोगों की गिनती सुशील मोदी विरोधियों में ही होती रही है, जिन्हें इस दफे उपाध्यक्ष बनाया गया है. उपाध्यक्षों की सूची में शामिल राजेंद्र गुप्ता जैसे दो-तीन लोग पहले जरूर सुशील मोदी से जुड़े थे लेकिन हाल के दिनों में उन्होंने भी पाला बदल लिया था.”
बीजेपी के कमेटी में नित्यानंद राय-नागेंद्र नाथ की पसंद चली
बीजेपी नेताओं के मुताबिक नयी प्रदेश कमेटी में पूर्व अध्यक्ष नित्यानंद राय और पार्टी के संगठन महामंत्री नागेंद्र नाथ की खूब चली. बीजेपी की कमेटी में प्रदेश अध्यक्ष के बाद सबसे अहम पद महामंत्री का होता है. पार्टी में महामंत्री के सिर्फ चार पद होते हैं. चार में से तीन नित्यानंद-नागेंद्र नाथ की पसंद बताये जा रहे हैं. प्रदेश महामंत्री बनाये गये देवेश कुमार नित्यानंद राय से लेकर भूपेंद्र यादव के बेहद करीबी बन गये हैं. दूसरे महामंत्री सुशील चौधरी नित्यानंद राय की ही व्यक्तिगत पसंद हैं. वहीं गोपालगंज के सांसद रहे जनक राम भी नागेंद्र नाथ के निकटतम माने जाते हैं. चौथे महामंत्री और पटना के दीघा के विधायक संजीव चौरसिया भी प्रदेश बीजेपी पर हावी नेताओं के ही करीबी बताये जाते हैं.
अपने पीए को मंत्री बना कर संतुष्ट हुए प्रदेश अध्यक्ष
बीजेपी दफ्तर में हो रही चर्चा के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल का अपनी कमेटी बनाने में शायद ही कोई रोल रहा. वैसे भी अध्यक्ष बनने से पहले संजय जायसवाल ने कभी प्रदेश बीजेपी की राजनीति नहीं की थी. बीजेपी के एक नेता ने बताया कि नयी कमेटी में प्रदेश अध्यक्ष की एक ही झलक दिख रही है. प्रदेश अध्यक्ष के पीए के तौर पर पहचाने वाले एक व्यक्ति को बीजेपी का प्रदेश मंत्री बना दिया गया है. बीजेपी नेता के मुताबिक शायद प्रदेश अध्यक्ष अपने पीए को ही मंत्री बना कर खुश हो गये.
सत्ता सुख भोग रहे नेताओं की संगठन में दखलअंदाजी खत्म
प्रदेश बीजेपी की नयी कमेटी का एक और मैसेज ये है कि बिहार सरकार में मंत्री बन कर सत्ता सुख भोग रहे नेताओं की संगठन में दखलअंदाजी खत्म कर दी गयी है. नंदकिशोर यादव, प्रेम कुमार से लेकर मंगल पांडेय जैसे बीजेपी के बड़े नेताओं की कोई छाप नयी कमेटी पर नजर नहीं आ रही है. इन नेताओं के करीबी माने जाने वालों को बीजेपी की नयी कार्यकारिणी में न के बराबर ही जगह मिली है. हां राधामोहन सिंह जैसे कुछ नेताओं ने अपने चंद समर्थकों को एडजस्ट कराने में सफलता जरूर हासिल की.