बिहार : अब नहीं दिखेगा 'तेजा' का तेज, आग से कूदकर निकलने में था माहिर

बिहार : अब नहीं दिखेगा 'तेजा' का तेज, आग से कूदकर निकलने में था माहिर

PATNA : डेढ़ साल के तेजा ने हत्याकांड से लेकर चोरी की कई घटनाओं को बड़े ही आसानी से सुलझा दिया था लेकिन अब तेजा यह काम नहीं कर सकता है. महज डेढ़ साल की तेजा ने बावजूद भी सबसे बेहतर डॉग बन गया था. लैब्राडोर प्रजाति के स्वान अब इस दुनिया में नहीं रहा.


तेजा का जन्म 19 जनवरी 2020 को हुआ था. आग से कूदकर निकलने में माहिर तेजा नियमित ट्रेनिंग से लगातार बेहतर प्रदर्शन कर सबको चौंका से रहा है. तेजा ने महज डेढ़ साल की उम्र में ही कई ऐसे हत्याकांड को सुलझाया जो पुलिस के सामने बड़ी चुनौती थी. साथी साहब तेजा ने कई दर्जन चोरी की घटनाओं को उद्भेदन करने में भी सहयोग की थी. तेजा की तबीयत 28 मई को बिगड़ गई थी. हालांकि उपचार के बाद से जहां स्वस्थ हो गया था. बुधवार की सुबह भी गंगा किनारे ट्रेनिंग लेने के बाद दोपहर 2:30 बजे उसे उल्टियां होने लगी उसके बाद डॉग स्क्वायड की गाड़ी से ट्रेन और हैंडलर के साथ तेजा को बैटरी अस्पताल ले जाया गया. जहां पशु चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. 


उसकी मौत से हैंडलर काफी दुखी है. साथ ही के बिछड़ने से दूसरे खोजी कुत्ते भी काफी मायूस नजर आ रहे हैं. लैब्राडोर तेजा की मौत से डॉग स्क्वायड की टीम पूरी तरीके से मर्माहत है. तेजा की मौत बीमारी के कारण होने की आशंका जताई जा रही है. गुरुवार को तेजा के शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा. डॉग स्क्वायड के अधिकारियों ने तेजा की मौत को अपूर्ण क्षति बताया है.