बिहार में होगी जातीय जनगणना, पटना HC ने रोक की याचिका को किया ख़ारिज; नीतीश सरकार को मिली बड़ी जीत

बिहार में होगी जातीय जनगणना, पटना HC ने रोक की याचिका को किया ख़ारिज; नीतीश सरकार को मिली बड़ी जीत

PATNA : इस वक्त की बड़ी खबर पटना हाई कोर्ट से निकल कर सामने आ रही है। जहां पटना हाईकोर्ट ने जातीय जनगणना रोकने की याचिका खारिज की याचिका को खारिज कर दी है। कोर्ट लगभग 25 दिन बाद इसका फैसला सुनाया है। जातीय जनगणना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए यह कहा है कि- राज्य सरकार  जातीय जनगणना करवा सकती है। 


दरअसल,  जातिगत जनगणना का काम जनवरी 2023 से शुरू हुआ था। इसे मई तक पूरा किया जाना था, लेकिन हाई कोर्ट के रोक के बाद फिलहाल यह 80% ही पूरा हो पाया है। पटना हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस पार्थ सार्थी की खंडपीठ नेलगातार 3 से 7 जुलाई तक पांच दिनों तक इस मामले में याचिकाकर्ता और बिहार सरकार की दलीलें सुनीं थी। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। अब कोर्ट ने इस मामले में अपना बड़ा फैसला सुनाया है। 


पटना हाईकोर्ट ने करीब 100 पन्नों का आदेश जारी किया है। मुख्य बात यह है कि कोर्ट ने उन सभी अर्जियों को खारिज कर दिया है, जिनमें यह दलील देते हुए रोक लगाने की मांग की गई थी कि जनगणना का काम सिर्फ केंद्र का है राज्य का नहीं। इसके बाद अब राज्य में एकबार फिर से जातिगत जनगणना का काम शुरू किया जाएगा। 

 

आपको बताते चलें कि, बिहार में जाति आधारित गणना की शुरुआत सात जनवरी से हुई थी।  पहले फेज का काम पूरा होने के बाद दूसरे फेज का काम 15 अप्रैल से किया जा रहा था।  जाति आधारित गणना का काम पूरा होने से पहले चार मई को पटना हाईकोर्ट ने अपने एक अंतरिम आदेश में जाति आधारित गणना पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया था। इसका करीब 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।