PATNA : बिहार विधान मंडल का मानसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया। अग्निपथ आंदोलन और केंद्र सरकार की नीति को लेकर विपक्ष ने ऐसा हंगामा शुरू किया जो आज मानसून सत्र के आखिरी दिन तक जारी रहा। विपक्ष ने आज भी विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया लेकिन खास बात यह रही कि विधानसभा में ही विपक्षी सदस्यों ने अलग से एक समानांतर सदन की बैठक चला डाली। इस दौरान जमकर हंसी मजाक भी होता रहा। सवाल जवाब भी हुए सरकार के ऊपर आरोप भी लगाए गए और साथ ही साथ विधानसभा वाले लड्डू और गाजा की दावत दी हुई।
राजद नेता अवध बिहारी चौधरी आज विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका में नजर आए तो वही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बिहार के मुख्यमंत्री की भूमिका में दिखे। मानसूत्र सत्र के अंतिम दिन राजद का ड्रामा हुआ। बिहार विधानसभा के भीतर एक साथ दो सदन चला। एक सदन को स्पीकर विजय कुमार सिन्हा चला रहे थे तो दूसरे सदन को राजद के वरिष्ठ नेता अवध बिहारी चौधरी। वही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री की भूमिका में नजर आ रहे थे। इस दौरान सरकार का भी गठन किया गया। तेजस्वी यादव को सदन का नेता बनाया गया। विपक्ष के सदन में इस दौरान लड्डू, गाजा के साथ-साथ पकौड़ा भी चला। मौजूद नेताओं ने इसका जमकर लुफ्त उठाया।
बिहार विधानसभा के अंदर विपक्ष ने एक बार फिर से सरकार और सदन पर गंभीर आरोप लगाते हुए विपक्षी लॉबी में अलग ही सदन की शुरुआत कर दी। विपक्षी विधायकों ने स्पीकर के खिलाफ अलग से प्रस्ताव लाते हुए खुद महागठबंधन के तरफ से विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कर लिया और राजद के विधायक अवध बिहारी चौधरी को स्पीकर की कुर्सी पर बैठा दिया। यही नहीं तेजस्वी यादव को सदन का नेता चुन लिया गया। तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनने पर विपक्षी विधायकों ने जमकर जश्न मनाया। इस दौरान लड्डू, गाजा और पकौड़े सभी विधायकों को खिलाया गया।
वहीं इस दौरान राजद को सबसे बड़ा दल बनाने की भी घोषणा की गई। वही ओवैसी की पार्टी से आए चार विधायकों का स्वागत भी किया गया। तेजस्वी यादव ने नेता सदन चुने जाने पर सभी सदस्यों को बधाई भी दी। सभी सदस्यों ने एक साथ मिलकर सरकार और स्पीकर के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर अग्निपथ योजना को रद्द करने के लिए राष्ट्रपति को ज्ञापन भी भेजा। मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने जो वादा बिहार की जनता से किया था वह मुझे याद है और हम अपनी पहली कैबिनेट की बैठक में 10 नहीं बल्कि 20 लाख नौजवानों को रोजगार देने की घोषणा करते हैं।
बिहार विधान सभा के आख़िरी दिन विपक्ष ने सदन के अंदर अग्निपथ योजना पर चर्चा नहीं होने के विरोध में सदन का बहिष्कार किया लेकिन विधानसभा के अंदर ही एक कमरे में जहां विधायक बैठते है उसी कमरे में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सहित विपक्ष के विधायक की मौजूदगी में सदन की कारवाई शुरू की गयी। जिसमें विधानसभा अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी राजद विधायक अवध बिहारी चौधरी ने निभाई वही नेता सदन तेजस्वी यादव चुने गए और जिस तरह से सदन चलती है बिल्कुल उसी अंदाज़ में चल रहा था। तेजस्वी यादव ने सदन के नेता की तरह सदस्यों को संबोधित भी किये। इस दौरान उन्होंने एक बार फिर से दस लाख नहीं बल्कि 20 लाख नौकरी दिए जाने की घोषणा की है। अपने विरोधियों पर बरसते हुए तेजस्वी ने कहा कि वे दस नहीं बल्कि बीस लाख नौकरी देंगे। एक तरफ़ विपक्ष सदन चला रहा था वही दूसरी तरफ़ सदन के अंदर विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा भी सदन चला रहे थे।