DESK : विश्व में सबसे ज्यादा गेहूं-चाबल के उत्पादन में भारत दूसरे नंबर पर है. लेकिन इसी भारत में 70 प्रतिशत ऐसे लोग हैं, जिन्हें हेल्दी खाना नहीं मिलता है. इसकी जानकारी संयुक्त राष्ट्र की 'द स्टेट ऑफ फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रिशन इन द वर्ल्ड 2022' रिपोर्ट में दी गई है.
रिपोर्ट की माने तो 2019 के बाद लोगों का भूख से संघर्ष तेजी से बढ़ा है. 2020 तक विश्व में 307.42 करोड़ लोग ऐसे थे, जिन्हें हेल्दी डाइट नहीं मिल रही थी. वहीं, भारत में हेल्दी डाइट नहीं लेने वालों की संख्या 97.33 करोड़ है. 2021 में दुनिया के 76.8 करोड़ कुपोषण का शिकार पाए गए, इनमें 22.4 करोड़ (29%) भारतीय थे. यह दुनियाभर में कुल कुपोषितों की संख्या के एक चौथाई से भी अधिक है.
हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में हालात सुधर रहे थे, लेकिन कोरोना महामारी ने इस पर ब्रेक लगा दिया. 2017 में 75% भारतीयों को हेल्दी डाइट नहीं मिल रही थी. 2018 में ये संख्या कम होकर 71.5% और 2019 में 69.4% पर आ गई. लेकिन 2020 में ये आंकड़ा फिर बढ़कर 70% के पार चला गया.
रिपोर्ट के मुताबिक, 2004-06 में 24.78 करोड़ लोग कुपोषित थे, जिनकी संख्या 2019-21 में घटकर 22.43 करोड़ हो गई. लेकिन 2004-06 में दुनियाभर के कुल कुपोषितों में 31% भारतीय थे, जबकि 2019-21 में भारतीयों की संख्या बढ़कर 32% हो गई. भारत में 5 साल से कम उम्र के 2 करोड़ से ज्यादा बच्चे ऐसे हैं, जिनका वजन ऊंचाई के हिसाब से कम है. जबकि, 5 साल से छोटे 3.6 करोड़ से ज्यादा बच्चे ठिगने हैं.