ब्रेकिंग न्यूज़

MADHUBANI: मधुबनी में प्रेम विवाह बना जानलेवा, लड़की के परिवार ने लड़के के पिता की कर दी हत्या BIHAR: शादी समारोह में हर्ष फायरिंग, 13 साल का बच्चे और वेटर को लगी गोली SAHARSA: नाला निर्माण के विवाद को लेकर बाप-बेटे की पिटाई, इलाज के दौरान युवक की मौत BIHAR: हाजीपुर सदर अस्पताल से 2 साल का बच्चा गायब, CCTV खंगालने में जुटी पुलिस BIHAR: बसंतपुर गांव में शोक की लहर, ट्रेन हादसे में 22 वर्षीय गुड्डू सिंह की मौत Air Marshal AK Bharti: कौन हैं एयर मार्शल एके भारती, जिन्होंने पाकिस्तान को सुनाई रामचरित मानस की चौपाई? जानिए.. Bihar News: स्टेज शो के दौरान माही-मनीषा के साथ मारपीट, अस्पताल में कराना पड़ा एडमिट Bihar News: स्टेज शो के दौरान माही-मनीषा के साथ मारपीट, अस्पताल में कराना पड़ा एडमिट Life Style: अच्छे काम पर जाते वक्त क्यों खिलाया जाता है दही-चीनी? धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक वजह भी जान लीजिए.. Bihar News: निगरानी ने सार्वजनिक की बिहार के दागी अफसरों की जानकारी, सरकार को भेजी रिपोर्ट

भ्रष्टाचार के केस को लेकर जारी हुई नई गाइडलाइन, अब DIG रैंक से नीचे के अधिकारी नहीं दर्ज कर सकेंगे मामला

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 09 Sep 2024 09:49:09 AM IST

 भ्रष्टाचार के केस को लेकर जारी हुई नई गाइडलाइन, अब DIG रैंक से नीचे के अधिकारी नहीं दर्ज कर सकेंगे मामला

- फ़ोटो

PATNA : बिहार में सरकारी कर्मचारियों से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है। अब डीआईजी रैंक से नीचे के अधिकारी किसी भी लोकसेवक के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति या भ्रष्टाचार का मामला दर्ज नहीं कर सकेंगे। इस संबंध में सभी विभागों के अफसरों को निर्देश जारी किए गए हैं।इसको लेकर लेटर भी भेज दिए गए हैं। 


मिली जानकारी के अनुसार, सरकारी सेवकों के भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में निगरानी ब्यूरो जैसी जांच एजेंसी को उक्त व्यक्ति से पूछताछ की अनुमति देने के लिए हर विभाग में अब एक नोडल पदाधिकारी प्रतिनियुक्त किए जाएंगे। यही नहीं डीआइजी से नीचे रैंक के कोई अधिकारी किसी भी लोकसेवक के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति या भ्रष्टाचार का मामला दर्ज नहीं कर सकेंगे। निगरानी विभाग के प्रधान सचिव के स्तर पर सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और सचिवों को इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।


वहीं, पत्र के साथ ही मानक संचालन प्रक्रिया भी अधिकारियों को प्रेषित की गई है। प्रधान सचिव अरविंद चौधरी की ओर से जारी पत्र के अनुसार भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में संबंधित व्यक्ति से सीधी पूछताछ नहीं की जा सकती लिहाजा प्रत्येक विभाग अवर सचिव स्तर के पदाधिकारी को नोडल नामित करें। उनका नाम, पदनाम, उनके मोबाइल नंबर, मेल आइडी जैसी जानकारी एक फार्मेट में निगरानी विभाग को मुहैया करा दी जाए। ताकि भविष्य में ऐसे मामलों में सीधे नोडल पदाधिकारी से जानकारी मांगी जा सके। विभागों से आग्रह किया गया है कि वे एक सप्ताह के अंदर वांछित जानकारी निगरानी विभाग को मुहैया कराएं।


उधर, य लोकसेवकों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज करने के लिए केंद्रीय कार्मिक एवं पेंशन मंत्रालय की ओर से मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाई गई है जिसका अनुपालन अनिवार्य किया गया है।