DESK: अक्सर अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत एक बार फिर चर्चा में है। हाल ही में 'भारत को आजादी भीख में मिलने' का बयान देकर कंगना ने एक नया बवाल खड़ा कर दिया है। कांग्रेस, जेडीयू, आरजेडी, भाकपा-माले सहित कई पार्टियों ने कंगना के इस बयान की आलोचना की है और कंगना को मिले पद्मश्री अवार्ड को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं। वही भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने भी यह मांग की है। बीजेपी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव मनाने वाली पार्टी कंगना जैसों को सम्मान दे रही है।
भाकपा-माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने भी कंगना रनौत से पद्मश्री वापस लेनी की मांग की है। दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि जो आजादी के वीरों का मजाक उड़ाने का काम कर रहे हैं वैसे लोगों को ही मोदी सरकार सम्मान दे रही है। कंगना ने कहा था कि 1947 में जो देश ने आजादी हासिल की, वह तो महज भीख थी और असल आजादी 2014 में मिली जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने।
भाकपा-माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कंगना के बयान को अफसोसजनक बताते हुए कहा कि लगता है कि आजादी का मतलब वे समझती हैं - मॉब लिंचिंग की आजादी, कट्टरता व रूढ़िवाद की अभिव्यक्ति व प्रसार की आजादी और आरएसएस के खानपान, पहनावे, धर्म और आचार-व्यवहार संबंधी विचारों को बेहद हिंसक तरीके से पूरे देश पर थोपना। दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि सरकारी की तरफ से आजादी का अमृत महोत्सव एक तरफ मनाया जा रहा है और दूसरी तरफ आजादी के आंदोलन का अपमान करने वालों को प्रश्रय दिया जा रहा है। ये दोनों एक साथ नहीं चल सकता। दीपांकर भट्टाचार्य ने कंगना रनौत से पद्मश्री वापस लेनी की मांग की है।