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1st Bihar Published by: Updated Mon, 29 Mar 2021 09:26:40 PM IST
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PATNA : विधानसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नजर जेडीयू के पुराने और सटीक लव-कुश समीकरण को मजबूत करने पर जा टिकी थी। नीतीश कुमार ने इसे मजबूत बनाने के लिए उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा का जेडीयू में विलय कर दिया। उपेंद्र कुशवाहा को विधान पार्षद बनाकर सदन में भेज दिया गया और अब कुशवाहा को कैबिनेट में भी जगह दी जाएगी। लेकिन इस बीच एक और बड़े कुशवाहा नेता भगवान सिंह कुशवाहा की घर वापसी के संकेत मिले हैं।
बिहार सरकार के पूर्व मंत्री चिराग पासवान के बूते विधानसभा चुनाव लड़ने वाले भगवान सिंह कुशवाहा ने आज जेडीयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह से मुलाकात की है। होली के मौके पर उन्होंने वशिष्ठ दादा से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया है। वशिष्ठ नारायण सिंह से मुलाकात के बाद भगवान कुशवाहा ने कहा है कि वशिष्ट दादा उनके अभिभावक हैं और हम उनका आशीर्वाद लेने आए थे। भगवान सिंह कुशवाहा ने कहा है कि वह जेडीयू को छोड़कर इसलिए चले गए थे क्योंकि उन्हें टिकट नहीं मिला था लेकिन वह कभी भी अपनी पार्टी से दूर नहीं हुए थे।
उपेंद्र कुशवाहा की घर वापसी और रालोसपा का जेडीयू में विलय प्लान एक्टिवेट करने में वशिष्ठ नारायण सिंह की बड़ी भूमिका रही है। वशिष्ठ नारायण सिंह में ही उपेंद्र कुशवाहा को इस बात के लिए तैयार किया कि वह जेडीयू के साथ आ जाएं और लव कुश समीकरण को मजबूत करें। अब एक बार फिर वशिष्ठ नारायण सिंह ही भगवान कुशवाहा जैसे नेता को घर वापसी कराने में सफल होते दिख रहे हैं। भगवान सिंह कुशवाहा ने विधानसभा का चुनाव एलजेपी के टिकट पर जगदीशपुर सीट से लड़ा था। इस सीट पर जेडीयू उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा था और आरजेडी कैंडिडेट की जीत हुई थी। जेडीयू उम्मीदवार की हार के पीछे सबसे बड़ी वजह भगवान सिंह कुशवाहा का एलजेपी से चुनाव लड़ना रहा था।