BHAGALPUR : बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाला मामले में एक और बड़ी कार्रवाई हुई है. इस घोटाले में ऑडिट फार्म की लापरवाही का मामला सामने आया है. ऑडिट फर्म की लापरवाही के कारण कोऑपरेटिव के 48 करोड रुपए सृजन एनजीओ में गए. इस ऑडिट में शामिल दो फॉर्म को अब ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया है. इसके अलावा सृजन घोटाला केस में फंसे इंडियन बैंक के पूर्व सहायक शाखा प्रबंधक राकेश कुमार को राहत नहीं मिली है. राकेश कुमार की जमानत अर्जी को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है.
राकेश ने किया था फर्जीवाड़ा
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि सीएम नगर विकास योजना के 12 करोड़ 20 लाख 15 हजार 75 रुपए के चेक जिला विकास शाखा के खाता में ट्रांसफर ना कर सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के में ट्रांसफर कर दिया था. यह पैसा तत्कालीन भागलपुर डीएम ने तिलकामांझी में ओबीसी बैंक के ब्रांच मैनेजर, इंडियन बैंक के नाम दिया था. लेकिन आरोपी राकेश ने नाजिर अमरेंद्र कुमार यादव और बैंककर्मी अजय कुमार पांडे के साथ साजिश कर पैसे सृजन के खाते में डाल दिया था.
कई आरोपी कर चुके है सरेंडर
यह केस तत्कालीन जिलाधिकारी आदेश तितरमारे के निर्देश पर हुआ था. डीएम ने तीन सदस्यीय कमेटी से इसकी जांच कराई थी. इसके बाद घोटाले की परत दर परत उतरती चली गई. अब तक 2200 करोड़ रुपये से अधिक घोटाला सामने आ चुका है. इस मामले में दर्जनों लोगों ने सीबीआई के दबाव में आकर कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. इनमें से कई अब भी जेल में हैं. बता दें कि इस घोटाले के बाद बिहार में जमकर राजनीति हुई थी. विपक्ष पर सत्ता पक्ष पर गंभीर आरोप लगाया था.