PATNA : पटना के बेउर जेल में बंद कैदी और सृजन घोटाला के आरोपी अरुण कुमार की मौत हो गई है। वह 2017 से बेऊर जेल में बंद थे। जहां अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गयी। इसके बाद उन्हें आनन-फानन में इन्हें पीएमसीएच ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हालांकि, अरुण कुमार के परिजनों ने आरोप लगाया है कि पटना के बेउर जेल के अधिकारियों की लापरवाही के कारण अरुण कुमार की मौत हुई है।
दरअसल, अरुण कुमार को 2 महीने भागलपुर जेल में रखने के बाद उनका पटना के बेउर जेल में वर्ष 2018 में ट्रांसफर कर दिया गया था। इनके ऊपर सृजन घोटाला मामले में सीबीआई के द्वारा दो मामले दर्ज किए गए थे। इसके अलावा मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी उन पर चल रहा था। इसी महीने एक मामले में उनकी सुनवाई पटना के न्यायालय में होनी थी। लेकिन, उससे पहले इनका देहांत हो गया।
वहीं, इस घटना को लेकर अरुण कुमार के परिजनों ने बताया कि शनिवार की सुबह से ही उनकी तबीयत खराब थी। परिवार के लोग जब उनसे 2 दिन पहले मिलने गए थे तब उन्होंने बताया था कि उनकी तबीयत अच्छी नहीं है। बार बार जेल के पदाधिकारियों से बात करने के बावजूद भी उनका इलाज सही से नहीं हो रहा है। जेल प्रशासन की लापरवाही की वजह से उनकी मौत हुई है। बीमार होने के बाद ही जेल प्रशासन ने उन्हें पीएमसीएच भेजने में देर कर दी और ब्रेन हेमरेज से उनकी मौत हो गयी।
आपको बताते चलें कि,अरुण कुमार भागलपुर में जिला कल्याण पदाधिकारी के पद पर आसीन थे। उसी वक्त सृजन घोटाला प्रकाश में आने के बाद सीबीआई ने उन्हें वर्ष 2017 में गिरफ्तार किया था। इसके बाद सीबीआइ ने 2019 में कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करते हुए इनकी पत्नी इंदू गुप्ता के बोरिंग रोड स्थित श्रीभगवान कुंज अपार्टमेंट स्थित फ्लैट, शास्त्री नगर की जमीन और बाकरगंज स्थित दुकान को कुर्क कर लिया था।