बेऊर जेल प्रशासन के आरोप को अनंत सिंह ने बेबुनियाद बताया, कहा-ई सब होते रहता है..एकरा से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला

बेऊर जेल प्रशासन के आरोप को अनंत सिंह ने बेबुनियाद बताया, कहा-ई सब होते रहता है..एकरा से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला

PATNA:पटना के बेऊर जेल में 16 जुलाई रविवार को हुए भारी बवाल को लेकर जेल प्रशासन ने पूर्व विधायक अनंत सिंह पर बेहद गंभीर आरोप लगाया था। बेऊर जेल प्रशासन ने आरोप लगाया था कि अनंत सिंह ने और उनके समर्थकों ने जेल पर कब्जा करके कुख्यात अपराधियों को भगाने की तैयारी कर ली थी। इसके लिए ही जेल के वार्डन से बैरक की चाभी छीन ली गई थी। जेल ब्रेक की तैयारी कर ली गयी थी। अनंत सिंह पर ये गंभीर आरोप बेऊर जेल प्रशासन ने लगाया था। अपने ऊपर जेल ब्रेक की साजिश के आरोप लगाये जाने पर पूर्व विधायक अनंत सिंह ने कहा कि यह आरोप बेबुनियाद है। इस संबंध में हमको कुछ मालूम ही नहीं है। ई सब होते रहता है। 


बेऊर जेल प्रशासन ने अनंत सिंह समेत 31 बंदियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गयी थी। पटना सिविल कोर्ट में पेशी के लिए आज पूर्व विधायक अनंत सिंह को लाया गया था। इस दौरान अनंत सिंह से इस संबंध में मीडिया ने बातचीत की। एफआईआर दर्ज होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ई सब होते रहता है। इस मामले में हमको कुछ नहीं कहना है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। 


बता दें कि 16 जुलाई को पटना के बेऊर जेल में हंगामा हुआ था। जिसके बाद अनंत सिंह के खिलाफ जेल अधीक्षक ने एफआईआर दर्ज कराया था। जेल अधीक्षक ने जेल ब्रेक की साजिश बताया था। जेल अधीक्षक द्वारा एफआईआर दर्ज कराये जाने के सवाल पर अनंत सिंह ने कहा कि ई सब होते रहता है। 


उन्होंने कहा कि हम इस संबंध में कुछ जानबो तो नहीं करते हैं। यह सब आरोप जो लगाया गया है वो बेबुनियाद है। जेल में कुछ नहीं हुआ था। यह सब गलत आरोप लगा है। जिसके बारे में हम जानते भी नहीं है कि क्या हुआ और क्या नहीं हुआ। हमारे साथ कुछ नहीं हुआ है। एफआईआर कौन किया है नहीं किया है हम नहीं जानते है। ई सब होते रहता है। किसी बात को हमको कोई चिंता नहीं है। अनंत सिंह ने मीडिया से कहा कि ई नहीं देख रहे है कि जेल से आ रहे हैं फिर जेल जाएंगे। 


बता दें कि जेल अधीक्षक ने पटना के बेऊर थाने में दर्ज कराये गयी एफआईआर में यह आरोप लगाया था कि जेल के कर्मियों पर दबाव बनाने और बंदियों को भगाने के इरादे से अनंत सिंह और उनके समर्थकों ने हमला किया था। उन लोगों ने जेल को अपने कब्जे में लेने की कोशिश की थी। पूर्व विधायक अनंत सिंह ने आज पटना सिविल कोर्ट में अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है। कहा है कि ई सब होते रहता है। 


गौरतलब है कि रविवार 16 जुलाई को बेऊर जेल में जमकर उत्पात हुआ था. बेऊर जेल में बंद अनंत सिंह ने आरोप लगाया था कि उनके वार्ड के साथ साथ बैरक को रात भर खुला छोड़ दिया गया था. अनंत सिंह ने कहा है कि जेल प्रशासन वहां बंद कुछ अपराधियों के साथ मिलकर उनकी हत्या कराना चाह रहा था. रविवार की सुबह जब अनंत सिंह ने अपने वार्ड और बैरक को खुला देखा तो जेल में हंगामा शुरू हो गया था. अनंत सिंह अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गये थे. बाद में जेलकर्मियों से उनकी भिड़ंत हुई, जिसमें तीन दफे पगली घंटी बजानी पड़ी थी. इस मामले में जेल प्रशासन ने एफआईआर में आरोप लगाया था कि अनंत सिंह और उनके समर्थकों ने कक्षपालों के साथ जमकर मारपीट की. मारपीट में जेल के प्रशासनिक पदाधिकारी और कक्षपाल समेत कुल 11 लोग घायल हुए थे।


बेऊर जेल प्रशासन ने अपने एफआईआर में आरोप लगाया था कि 16 जुलाई की सुबह जेल खुलते ही अनंत सिंह और उनके समर्थकों ने डिवीजन खंड में तैनात वार्डन पाल अनिरुद्ध कुमार बैठा के साथ मारपीट की. वहां बीच-बचाव करने पहुंचे सहायक अधीक्षक भूटेश कुमार को भी जमकर पीटा गया. उसके बाद जेल के सिंगल सेल में अऩंत सिंह और उनके समर्थकों ने पहुंचकर वहां मौजूद कक्षपाल संजीव कुमार साह और गौतम कुमार की पिटाई कर दी. एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि इसी दौरान सेल की चाभी छीन ली गई और बंदियों को बाहर निकाल दिया गया. जेल प्रशासन ने आरोप लगाया है कि अनंत सिंह और उनके समर्थकों ने जेल में जमकर उत्पात मचाया और सीसीटीवी कैमरे को भी तोड़ दिया.


बेऊर जेल प्रशासन की ओर से दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में कहा गया है कि इस घटना के बाद जेल उपाधीक्षक राजेश कुमार सिंह और दूसरे पदाधिकारी जब हंगामा कर रहे कैदियों को समझाने पहुंचे तो उनके साथ भी मारपीट, रोड़ेबाजी और गाली गलौज की गई. मारपीट और रोड़ेबाजी में जेल के उपाधीक्षक राजेश कुमार सिंह, सहायक उपाधीक्षक भूटेश कुमार, सहायक अधीक्षक कौशल किशोर प्रसाद, सहायक अधीक्षक नीरज कुमार रजक, कक्षपाल संजीव कुमार साह, अनिल कुमार बैठा, भरत कुमार, गौतम कुमार, संदीप कुमार, संतोष कुमार और रोशन कुमार घायल हुए थे।


इतना सब होने के बाद जेल के पदाधिकारी भारी संख्या में पुलिस बल के साथ पहुंचे और स्थिति को नियंत्रण में किया गया. एफआईआर में कहा गया है कि ये घटना जेल प्रशासन पर बेवजह दवाब बनाने के लिए किया गया था जिससे कोई भी अप्रिय घटना घट सकती थी. इस घटना के पीछे जेल प्रशासन की गरिमा को धूमिल करने, जेल पर अपना नियंत्रण करने और जेल से अपराधियों को भगाने की मंशा थी.


एफआईआर में ये बने अभियुक्त

जेल प्रशासन की एफआईआर में अनंत सिंह के अलावा गेंडा, गंगा गौतम, गौतम कुमार उर्फ चिकु दया, गौतम कुमार(पिता-छेदी राय), गौतम कुमार(पिता-अवधेश सिंह), मो. आफताब आलम, अफताब(पिता-फरारू मियां), फिरोज उर्फ मो. फिरोज, पिंटू यादव उर्फ राहुल यादव, साजन कुमार, सन्नी कुमार, रॉकी कुमार उर्फ नितीश कुमार, करण कुमार, करण सिन्हा, राजू कुमार, रिकेश कुमार, संजीव कुमार उर्फ छोटू, नीरज कुमार उर्फ बादशाह, गेन्हाडी यादव, नीतीश यादव, पंकज यादव उर्फ पंकज कुमार, नवल राय उर्फ बुद्धिया, अतुल राज, सौरभ कुमार गुप्ता, बलदेव सिंह, साहिल राज उर्फ साहिल राज शर्मा उर्फ टीशू, बबलु कुमार उर्फ बबलु, शिवम कुमार शर्मा, कन्हैया सिंह और दिवाकर यादव को अभियुक्त बनाया गया।