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1st Bihar Published by: JITENDRA Updated Thu, 03 Jun 2021 11:00:36 AM IST
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BEGUSARAI: पुलिस की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। पुलिस पर झुठा मुकदमा दर्ज कराने का आरोप लगा है। वही पुलिसिया अनुसंधान पर भी परिजनों ने सवाल खड़े किए हैं। परिजनों का आरोप है कि हत्या की घटना को पुलिस सड़क दुर्घटना बता रही है। घटना के प्रत्यक्षदर्शी को बंधक बनाकर ना सिर्फ उसे मीडिया के सामने आने से रोका गया बल्कि गवाह को डराया धमकाया भी गया। जब परिजनों ने दोबारा पोस्टमार्टम कराया तब शरीर से गोली निकाली गयी। इसे लेकर परिजनों में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है। आक्रोशित लोग इस पूरे मामले की जांच कराने जाने की मांग कर रहे हैं।
हत्या के इस वारदात को छिपाने के पीछे पुलिस की क्या मंशा है ये तो जांच का विषय है। शव का दोबारा पोस्टमार्टम कराने के लिए बेगूसराय सदर अस्पताल में परिजन और ग्रामीण डटे रहे। गौरतलब है कि बुधवार की सुबह पुलिस बिना परिजन के एक डेड बॉडी को सदर अस्पताल लाती है और मीडिया के सामने इसे सड़क हादसे में मौत करार देकर शव को पोस्टमार्टम के बाद अपने साथ ले गई। लेकिन परिजन पुलिस के इस साजिश को समझते देर नहीं लगी। वे शव को वापस हॉस्पिटल पोस्टमार्टम के लिए लेकर पहुंचे तब इस रहस्य पर से पर्दा उठा।
मृतक की पहचान जिला समस्तीपुर के उजियारपुर थाना अंतर्गत सातनपुर के रहने वाले कमलेश कुरेरी के 23 वर्षीय पुत्र शिबू कुरेरी के रूप में हुई थी। आपको बताते चलें कि जिले के फुलवरिया थाना क्षेत्र के बगराह डीह कोयला डिपो स्थित एनएच-28 पर हथियार से लैस बाइक सवार दो अपराधियों ने बुधवार की अहले सुबह उस वक्त शिबू को गोली मारकर हत्या कर दी जब वह अपने मौसा के साथ अलग-अलग साइकिल से बागीचे में लगे पेड़ पर मधुमखियों के छत्ते को ढूंढने निकला था। लेकिन शिबू को यह पता नहीं था कि आज मधु की खोज में उसे अपनी ही जान गवांनी पड़ेगी।
पुलिस के कार्यशैली से नाराज दर्जनों लोगों ने अस्पताल पहुंचे और दोबारा पोर्स्टमार्टम के लिए पूरी रात डटे रहे। समस्तीपुर के मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत क्योस भट्ठी निजामत के रहने वाले गंजन कुरेरी का पुत्र की हत्या की वक्त मृतक का मौसा किरानी कुरेरी मौजूद था। जिसने बताया कि वह शरणस्थली पिपड़ा विद्यालय परिसर से बुधवार की सुबह शिबू के साथ मधु छुड़ाने के लिए जा रहा था। शिबू अपनी साइकिल से आगे-आगे चल रहा था।
बगराहडीह स्थित एनएच-28 पर पहुंचते ही बाइक सवार दो अपराधियों ने आगे बढ़ कर बाइक रोक दी और साइकिल को रोककर शिबू की कनपट्टी में गोली मार दिया। जिससे उसकी मौत घटनास्थल पर ही हो गई और वह लड़खड़ाते हुए जमीन पर गिर गया। उसने बताया कि मौत का दृश्य देखकर भयभीत होकर वह पीछे की ओर चिल्लाते हुए भागने लगा तब अपराधियों ने उस पर निशाना साधते हुए फायरिंग करनी शुरू कर दिया। जिस दौरान उसकी जान बाल-बाल बच गई।
आरोप है कि अपराधी द्वारा गोली मारकर हत्या के बाद गले में पहने लगभग एक भर के सोने की चकती लेकर फरार हो गया। किरानी ने बताया कि उसके सामने बाइक सवार अपराधियों ने गोली मारकर हत्या की लेकिन पुलिस इस मौत को दुर्घटना में हुई मौत जबरन सिद्ध करने पर तुली हुई है। पुलिस की कार्यशैली से नाराज सैकड़ों ग्रामीणों ने दोबारा पोस्टमार्टम के लिए बेगूसराय सदर अस्पताल लाया। जहां एक्सरे जांच में एक गोली मौजूद होने की पुष्टि हुई है। पोस्टमार्टम के दौरान एक गोली युवक के शरीर से निकाली गयी है। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी की आखिर पुलिस हत्या की इस वारदात को दुर्घटना का रूप देने में क्यों लगी हुई है। परिजनों ने इस मामले की जांच की मांग की है।