ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR: ट्रेन हादसे में पैर गंवाने वाले शिवम को मिला नया जीवन, समाजसेवी अजय सिंह ने दिलाया कृत्रिम पैर और नौकरी हजारीबाग डाक मंडल बना देश का नंबर 1, डाक जीवन बीमा में एक दिन में 5 करोड़ से अधिक प्रीमियम डिपॉजिट बेगूसराय में युवक की निर्मम हत्या: चाकू से गोदा, गोली मारी, प्रेम प्रसंग में मर्डर की आशंका डाईआर्च ग्रुप ने दिल्ली में खोला नया ऑफिस, Real Estate से लेकर FMCG सेक्टर तक का विस्तार Bihar Teacher News: बिहार के सरकारी प्लस-2 विद्यालयों में नए बहाल 5728 प्रधानाध्यापकों की हुई पदस्थापन, लिस्ट..... Life Style: सावन में क्यों नहीं खानी चाहिए कढ़ी और साग? जानिए... सही कारण Bihar Elections: इस पार्टी से चुनाव लड़ेंगे पवन सिंह? सुपरस्टार के संकेत से सियासी हलचल तेज Sawan 2025: बिहार के 5 प्रमुख कांवर रुट, जहां मिलती है श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ Manrega Yojna Bihar: एक दर्जन से अधिक पंचायत सेवकों पर फर्जीवाड़े का आरोप, अब होगी कार्रवाई Cricket: टेस्ट में भारत के खिलाफ सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज, टॉप 3 में इंग्लैंड के 2 बल्लेबाज शामिल

बेगूसराय सदर अस्पताल से 2 दलाल गिरफ्तार, 20 हजार में मरीज को ठीक करने का ले रहा था ठेका

1st Bihar Published by: HARERAM DAS Updated Tue, 28 May 2024 06:21:03 PM IST

बेगूसराय सदर अस्पताल से 2 दलाल गिरफ्तार, 20 हजार में मरीज को ठीक करने का ले रहा था ठेका

- फ़ोटो

BEGUSARAI: दुनियां में हरेक चीज की खरीद और बिक्री होती है लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मामले से अवगत करा रहे हैं  जिसे जानकर आप भी आश्चर्यचकित हो जाएंगे और सोचने को मजबूर हो जाएंगे कि क्या मरीज की भी खरीदारी संभव है? क्या नामचीन निजी अस्पतालों की आड़ में मरीजों की मंडी सजती है?


यह हम नहीं कह रहे बल्कि बेगूसराय सदर अस्पताल में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जिसने प्रशासनिक और स्वास्थ्य महकमा के साथ-साथ आम लोगों को भी हिला कर रख दिया है। अब कई ऐसे सवाल भी खड़े हो रहे हैं जो अस्पताल प्रबंधन को कटघरे में खड़ा रहा है। दरअसल पूरा मामला बेगूसराय सदर अस्पताल का है, जहां मरीजों की दलाली करते दो शख्स को रंगेहाथ पकड़ा गया है। 


अस्पताल प्रबंधन ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया। फिलहाल पकड़े गए दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। लेकिन अब यहां सवाल उठने लगा है कि क्या लंबे समय से सदर अस्पताल में मरीजों की दलाली की जा रही थी और अगर हां तो स्वास्थ्य विभाग कहां था? सवाल यह भी उठता है कि मरीजों की जिंदगी को नीलाम करने वाले निजी अस्पतालों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है? क्या भोले-भाले मरीज को सिर्फ एडमिट कर अस्पताल प्रबंधन के द्वारा अपना पल्ला झाड़ लिया जाता है? सवाल कई है जिनका जवाब स्वास्थ्य विभाग को देना पड़ेगा। 


दरअसल पूरा मामला बेगूसराय सदर अस्पताल से जुड़ा हुआ है। जहां अस्पताल की लापरवाही एवं निजी क्लिनिकों का गड़बड़ झाला उस वक्त सामने आ गया जब साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र के एक मरीज बजरंगी शाह एवं उसके परिजनों को एक निजी अस्पताल के दलाल के द्वारा सदर अस्पताल से छुट्टी करा निजी अस्पताल में भर्ती करने का प्रयास किया गया। मरीज की पहचान साहेबपुर कमाल के रहने वाले बजरंगी शाह के रूप में की गई। परिजनों ने बताया की दो युवक उनके पास पहुंचे और कहने वालों की 15 से 20 हजार में मरीज को ठीक करा दिया जाएगा और सदर अस्पताल में मरीज की जिंदगी खतरे में है। 


यह कहकर मरीज के परिजनों को अपने प्रभाव में लेने की कोशिश की गई। इतना ही नहीं आनन फानन में ही दलालों के द्वारा सरकारी रजिस्टर में भी छेड़छाड़ की गई तथा एंबुलेंस भी बुला लिया गया। लेकिन समय रहते मरीज के परिजनों को शक हुआ और उन्होंने आईसीयू के इंचार्ज से इसकी शिकायत की। तत्पश्चात आईसीयू के इंचार्ज ने सुरक्षा कर्मियों को बुलाकर दोनों युवक को पकड़ लिया तथा उसे अस्पताल प्रबंधक के हवाले कर दिया। मिली जानकारी के अनुसार बजरंगी शाह ब्लड प्रेशर की बीमारी से पीड़ित है और उन्हें कल ही सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था।


 वही जब आरोपी स्वास्थ्य कर्मियों के कब्जे में आए तब उन्होंने अपनी गलती भी स्वीकार की तथा एक निजी अस्पताल का नाम लेकर उन्होंने कहा कि तकरीबन 15 दिनों से उन लोगों के द्वारा मरीज को बहला फुसला कर एक निजी अस्पताल में एडमिट कराया जा रहा है और इसके लिए उन्हें अस्पताल प्रबंधन की ओर से एक सुरक्षित राशि भी दी जाती है । हालांकि इस दौरान गिरफ्त में आए दोनों युवक एक दूसरे पर दोषारोपण भी करते रहे ।


 वहीं बेगूसराय सदर अस्पताल के सिविल सर्जन ने भी इस बात को मना है कि कुछ अस्पतालों एवं निजी अस्पताल के दलालों के द्वारा सदर अस्पताल में इस तरह की घटना को अंजाम दिया जा रहा है। हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार किया की लंबे समय से ऐसी घटनाएं सामने नहीं आई हैं। उन्होंने कहा कि यह पहला मामला है जो अस्पताल के संज्ञान में आया है और इसके लिए उचित कार्रवाई भी की जा रही है। जो भी दोषी होंगे उन्हें बक्सा नहीं जाएगा। अस्पताल प्रबंधन के द्वारा लिखित शिकायत थाने को दी जा रही है।


मामला चाहे जो भी हो लेकिन जिस तरह से सदर अस्पताल में यह गड़बड़ झाला सामने आया है वह इस बात का संकेत दे रहा है कि सदर अस्पताल में आम मरीजों की जिंदगी सुरक्षित नहीं है और ठगी के शिकार होने के साथ-साथ मरिज अपनी जिंदगी भी इन दलालों के चक्कर में कब खो देंगे यह कहना मुश्किल है।