पटना में नगर निगम की लापरवाही से खुला मेनहोल बना जानलेवा, नाले में गिरा बच्चा पहली उड़ान बनी आखिरी सफर, सऊदी नौकरी पर निकले युवक ने फ्लाइट में दम तोड़ा, विदेश में नौकरी का सपना रह गया अधूरा जमुई में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, जंगल से 24 सिलेंडर बम बरामद भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, महिला की मौत, 6 की हालत गंभीर Patna News: पटना एयरपोर्ट के लिए जारी हुआ नया आदेश, उल्लंघन किया तो होगी कड़ी कार्रवाई बेगूसराय में टला बड़ा हादसा: चलती ट्रेन के इंजन में लगी आग, यात्रियों ने कूदकर बचायी अपनी जान गांधी सेतु पर ट्रक और पिलर के बीच फंसा बाइक सवार, ट्रैफिक पुलिस ने किया रेस्क्यू AI in election: AI की चालबाज़ी से उलझे बिहार के वोटर! फर्जी कॉल्स-Deepfake से फैला भ्रम, अब चुनाव आयोग कसेगा शिकंजा! प्यार के लिए लड़का बना लड़की, अब पति किन्नर से शादी की जिद पर अड़ा Bihar politics : तेजस्वी ने किया 'महिला संवाद' पर हमला, जदयू का पलटवार...क्या महिलाओं की तरक्की से डरते हैं नेता प्रतिपक्ष?
1st Bihar Published by: Jitendra Kumar Updated Wed, 18 Dec 2019 11:15:00 AM IST
BEGUSARAI: बेगूसराय में एक मजबूर और लाचार दादा-दादी अपने 18 साल के पोते के इलाज के लिए बिहार सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. मजबूर दादा-दादी को उम्मीद है कि सरकार अगर मदद करे तो उनके 18 साल के पोते की जान बच सकती है.
बेगूसराय के बखरी प्रखंड के घाघरा गांव का रहने वाला गुड्डू किडनी की बिमारी से ग्रसित है. उसकी दोनों किडनी खराब है. गुड्डू अपने दादा-दादी के साथ रहता है, उसके इलाज में दादा-दादी ने अपना सबकुछ बेचकर लगा दिया है. लेकिन बिमारी ठीक होने का नाम नहीं ले रही. पैसे के आभाव में अब उसका ऑपरेशन नहीं हो पाया.
गुड्डू के दर्द की दास्तां बहुत ही लंबी है, उसे ना तो मां का प्यार मिला और ना ही बाप का स्नेह. जब तीन साल का था तो उसकी मां की मौत हो गई और उसके बाद पिता ने भी दूसरी शादी कर ली और गुड्डू को छोड़कर चला गया. जिसके बाद गुड्डू की देखभाग दादा रघुवर तांती एवं दादी कृष्णा देवी ने की. लेकिन आठवीं क्लास पास करते ही उसे बीमारियों ने जकड़ लिया. स्थानीय स्तर से लेकर पटना तक इलाज कराया गया, पर किडनी फेल होने के कारण ज्यादा पैसे की जरुरत डॉक्टर ने बताई. आईजीआईएमएस पटना ऑपरेशन की बात कही पर अब उनके पास पैसे नहीं है, जिससे गुड्डू का इलाज करा सकें. थक हारकर उन्होंने अपने पोते को घर ले आया है और अब सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. वे हर आने जाने वालों की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रही है.