बैंक से ज्यादा चोरों ने दिलाया मुनाफा: मुंबई के एक व्यक्ति को 22 साल बाद मिला चोरी हुआ सोना, अब इसकी कीमत 8 करोड़ रूपये

बैंक से ज्यादा चोरों ने दिलाया मुनाफा:  मुंबई के एक व्यक्ति को 22 साल बाद मिला चोरी हुआ सोना, अब इसकी कीमत 8 करोड़ रूपये

DESK: मुंबई के एक परिवार को चोरों ने बैंक से भी ज्यादा मुनाफा दिलवा दिया। 22 साल पहले चोरों ने उनका सोना चुरा लिया था। अब वह सोना उन्हें वापस मिल गया है। जो सोना वापस मिला है उसकी कीमत 8 करोड़ रूपये है।


13 लाख का सोना 8 करोड़ का हो गया

ये मामला 22 साल पुराना है जो अब खत्म हुआ है। 22 साल पहले चोरी हुई और अब चोरी का सामान उसके मालिक के परिवार में वापस आया है। दरअसल 1988 में मुंबई में कपड़ों के फेमस ब्रांड चिरागदिन के मालिक अर्जन दासवानी के घर से एक सोने का सिक्का, दो गोल्ड ब्रेसलेट और 100 ग्राम और 200 मिलीग्राम वजन की दो सोने की सिल्लियां चोरी हो गयी थी। मुंबई के कोलाबा में अर्जन दासवानी का घर है। 8 मई 1998 को लुटेरों ने वहां धावा बोला था। पहले धारदार हथियार से  सिक्योरिटी गार्ड को घायल कर दिया और घर के अंदर घुस गये. लुटेरों ने पूरे दासवानी परिवार को बंधक बना लिया था औऱ उनकी तिजोरी से सोना ले लिया था। 


कानूनी पचड़े में फंसा रहा सोना

दरअसल 22 साल पहले हुई इस चोरी के कुछ समय बाद ही पुलिस ने चोरी हुआ सोना बरामद कर लिया था. बरामद सोने को लेकर कानूनी पचड़ा फंस गया था. लिहाजा इस सोने को वापस नहीं किया गया. इस घटना के कुछ दिनों बाद ही पुलिस ने तीन लुटेरों को गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने उनके खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चलाया औऱ तीनों को 1999 में सजा भी हो गयी थी.


गिरफ्तार आरोपियों के पास से चोरी का कुछ सोना बरामद हुआ था. लुटेरों के जिस गैंग ने इस घटना को अंजाम दिया था उसमें 6 लोग शामिल थे. सिर्फ तीन पकड़े गये और बाकी तीन फरार ही रहे. ऐसे में कोर्ट ने आदेश दिया कि फरार आरोपियों की गिरफ्तारी होने तक सोना को पुलिस कस्टडी में रखा जाये.


उधर पुलिस जब काफी दिनों तक फरार अपराधियों को गिरफ्तार नहीं कर पायी तो दासवानी परिवार में कोर्ट से गुहार लगायी कि जो सोना बरामद हुआ है वह उन्हें वापस सौंप दिया जाये. लेकिन पुलिस मामले में अडंगा लगाती रही. कोर्ट ने अब अर्जन दसवानी के बेटे राजू दसवानी को सोना सौंप देने का आदेश दिया है।


कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान राजू दासवानी ने इस संपत्ति से जुड़े दस्तावेज कोर्ट में पेश किए. इससे इस बात की पुष्टि हो गयी कि जो सोना बरामद हुआ था वह उनकी फैमिली का ही थी. उसके बाद जज ने अपने फैसले में राजू को सोना सौंपने को कहा. जज ने कहा कि सोने को को पुलिस कस्टडी में रखने का कोई मतलब नहीं है. कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि फरार लुटेरों को गिरफ्तार करने में पुलिस सफल नहीं हो पायी. ऐसे में अगर चोरी की घटना के बाद कोई पीडित व्यक्ति अपनी संपत्ति वापस लेने के लिए सालों साल तक इंतजार करे तो यह न्याय का मजाक है।


हालांकि बरामद सोने को वापस लेने में पारिवारिक अड़चने भी आयें. चोरी अर्जन दासवानी के घर हुई थी. उनका एक बेटा और दो बेटियां है. बेटा राजू दासवानी मुंबई में रहते हैं लेकिन दो बेटियां कनाडा और अमेरिका में रहती हैं. दोनों बहनों ने अपने भाई को सोना सौपने की बात कही औऱ कोर्ट में अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया था. इसके बाद सोने को राजू को सौंप दिया गया है. तब चोरी हुए सोने के सामान की कीमत 13 लाख रुपए थी. कोर्ट के फैसले के बाद यह सोना अर्जन दासवानी के बेटे राजू दासवानी को वापस मिला है, जिसकी कीमत लगभग 8 करोड़ रूपये हो गयी है।