DESK: बीते 17 और 18 जुलाई को कर्नाटक के बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक आयोजित की गई थी। 18 जुलाई को दूसरे दिन की बैठक से ठीक पहले बेंगलुरु की सड़कों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खिलाफ पोस्टर लगाकर उन्हें देश का सबसे अनस्टेबल प्राइम मिनिस्टर कैंडिडेट बताया गया था। अब उस मामले में कर्नाटक पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने पोस्टर लगाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। तीनों से पुलिस पूछताछ में जुटी है। ऐसे में बड़े खुलासे की संभावना जताई जा रही है।
दरअसल, बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों की मुहिम में जुटे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक बुलाई थी। पहले चरण की बैठक संपन्न होने के बाद 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक आयोजित की गई। 17 जुलाई को ही विपक्ष के तमाम बड़े नेता बेंगलुरु पहुंच गए थे। उनके स्वागत में बेंगलुरु की सड़कों पर बड़े बड़े पोस्टर लगाए गए थे। पहले दिन की बैठक संपन्न होने के बाद 18 जुलाई को दूसरे दिन की बैठक होनी थी लेकिन इससे ठीक पहले बेंगलुरु की सड़कों पर सीएम नीतीश के खिलाफ पोस्टर लगाए गए हैं और उन्हें अनस्टेबल पीएम कैंडिडेट बताया गया था।
बेंगलुरु के चालुक्य सर्कल, विंडसर मैनर ब्रिज और हेब्बाल के पास एयरपोर्ट रोड पर पोस्टर लगाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा गया था। पोस्टर में सीएम नीतीश को 'अनस्टेबल प्राइम मिनिस्टर उम्मीदवार' बताया गया है। वहीं सुलतानगंज में ध्वस्त हुए अगुवानी पुल की तस्वीरें भी पोस्टर में लगाकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे। पोस्टर सामने आने के बाद इसको लेकर सियासत भी खूब हुई थी।
अब इस मामले में कर्नाटक की पुलिस ने बेंगलुरु के शेषाद्रिपुरम के रहने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान श्रीराम, नंदकुमार और मोहन के रूप में की गई है। आरोप है कि इन्हीं लोगों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ शहर में 20 जगहों पर पोस्टर लगाए थे। संभावना जताई जा रही है कि पुलिस की पूछताछ में तीनों अहम खुलासा कर सकते हैं।