बड़ी खबर : बिहार में विधायकों की खरीद फरोख्त का मामला, EOU की रिपोर्ट से सच आएगा सामने

बड़ी खबर : बिहार में विधायकों  की खरीद फरोख्त का मामला, EOU की रिपोर्ट से सच आएगा सामने

PATNA : बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार पर मुहर लग गई है। पांच दिन पहले ही सरकार ने विधानसभा में बहुमत साबित किया है। लेकिन,उसके बाद एक चौंकाने वाली खबर सामने आई। खबर यह थी कि सत्तारूढ़ जेडीयू के विधायकों को खरीदने की कोशिश की गई थी और ये साजिश पार्टी के अंदरखाने ही रची गई थी। इस मामले में  जेडीयू विधायक सुधांशु शेखर ने पटना की कोतवाली में एफआईआर दर्ज करवाई है। इसके बाद अब इस मामले में पटना एसएसपी ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं और अब इस मामले की जांच आर्थिक जांच इकाई करेगी। 


दरअसल, सुधांशु शेखर जेडीयू से मधुबनी जिले की हरलाखी सीट से विधायक हैं। इन्होंने कोतवाली खाने में विधायकों की खरीद फरोख्त का शिकायत दर्ज करवाया था। इस मामले में  पटना के पुलिस उपाधीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) कृष्ण मुरारी प्रसाद ने बताया कि- सुधांशु शेखर ने कोतवाली पुलिस स्टेशन में पार्टी के ही विधायक संजीव कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। एएसपी प्रसाद ने कहा, विधायक शेखर ने 11 फरवरी को अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। हमने भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है और जांच शुरू की है। उसके बाद अब यह मामला सामने आया है। 


मिली जानकारी के अनुसार, कोतवाली थाने की पुलिस इस मामले की जांच नहीं करेगी। इसका जिम्मा आर्थिक अपराध इकाई को दिया गया है। हाईप्रोफाइल मामला होने की वजह से कोई भी पुलिस अधिकारी इस पर कुछ भी बयान नहीं दे रहे हैं। विधायक सुधांशु शेखर ने 12 फरवरी को कोतवाली थाने में FIR दर्ज कराया था। इसमें कहा गया था कि सरकार का विश्वास मत प्राप्त होना था। लेकिन, साजिश के तहत सरकार को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। इसको अंजाम देने के लिए विधायकों को दस करोड़ का प्रलोभन दिया जा रहा है।


उधर, जदयू विधायक बीमा भारती और दिलीप राय के अपहरण की बात की जानकारी भी मिली थी। इसकी वजह राजद पक्ष का समर्थन बताया जा रहा था। इसमें आशंका जताई गई थी  कि जदयू के डॉ संजीव कुमार, राजद के इंजीनियर सुनील अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अपहरण की घटना में शामिल रहे हैं। इस वजह से जदयू विधायक सुधांशु शेखर ने कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया था। फ्लोर टेस्ट के दिन (12 फरवरी) विश्वास मत प्राप्त को लेकर खींचतान की स्थिति पैदा हो गई थी। इस दौरान विधायकों के खरीद फरोख्त का मामला सामने आया था। बिहार में सरकार एनडीए की हो गई है। ऐसे में अब  केस में पैसा का जिक्र के कारण ईओयू अब इसकी जांच करेगी।