DESK: श्रीनगर के लाल चौक पर श्रीकृष्ण-राधा के वेशभूषा में सजे धजे बच्चे और भजन-कीर्तन करते लोग. इस नजारे की कल्पना पिछले 32 साल से शायद ही किसी ने की होगी. लेकिन इस बार की जन्माष्टमी में ऐसा ही हुआ. श्रीनगर के लाल चौक पर जन्माष्टमी का सेलिब्रेशन हुआ. कश्मीर घाटी में श्रीनगर के आस-पास के शहरों में भगवान श्रीकृष्ण और राधा की शोभा यात्रा निकाली गयी.
32 साल बाद ऐसा नजारा
32 साल पहले 1989 में कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हुआ था. उसके बाद घाटी में कभी सड़क पर जन्माष्टमी या हिन्दूओं के दूसरे पर्व को सेलिब्रेट नहीं किया गया. लेकिन इस साल की जन्माष्टमी कश्मीरी हिन्दूओं के लिए यादगार बन गयी. हालांकि श्रीनगर में हिन्दूओं की तादाद बेहद कम है लेकिन आज वे लाल चौक पर जमा हुए औऱ भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया.
जन्माष्टमी पर शोभा यात्रा भी निकली
श्रीनगर के पास उत्तर कश्मीर का शहर है हंदवाड़ा. हंदवाड़ा में 1989 के बाद पहली दफे जन्माष्टमी के मौके पर श्रद्धालुओं ने शोभा यात्रा निकाली. श्रीकृष्ण और राधा की वेशभूषा में गाड़ी पर सवार होकर बच्चे निकले तो उनके साथ ही नाचते-गाते श्रद्धालु. हिंदवाडा से निकली शोभयात्रा की शुरूआत गणपत्यार मंदिरसे हुई. ये श्रीगणेश का प्रसिद्ध मंदिर है. नाचते-गाते औऱ श्रीकृष्ण की भक्ति में मगन श्रद्धालुओं ने पूरे शहर की फेरी लगायी. कई स्थानों पर सड़क किनारे श्रद्धालु खड़े थे जो शोभा यात्रा में शामिल लोगों का स्वागत कर रहे थे.
हालांकि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दौरान कोई घटना न हो इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से सर्तक था. सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम किये गये थे. श्रीनगर से हंदवाडा तक सुरक्षाकर्मियों की खास तैनाती की गयी थी. प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना को टालने का पूरा बंदोबस्त किया था.
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कार्यक्रम में शिरकत करने वाले कश्मीरी पंडितों ने कहा कि उनका राज्य भाईचारे के लिए जाना जाता था. कुछ लोगों ने माहौल खराब कर दिया. लेकिन अब फिर भाईचारा कायम होने लगा है. श्रद्धालुओं ने कहा कि सभी वर्गों के स्थानीय लोगों ने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव समारोह आयोजित करने में मदद की.
कश्मीर में मनाये गये जन्माष्टमी समारोह में कोरोना के खात्मा के लिए खास तौर पर प्रार्थान की गयी. श्रद्धालुओं ने कहा कि कोरोना के कारण कश्मीर ही नहीं बल्कि पूरे देश को काफी नुकसान हुआ है. भगवान से प्रार्थना की गयी कि इस महामारी पर जल्द ही अंकुश लगे.