औरंगाबाद: श्राद्धकर्म में अश्लील गानों पर बार-बालाओं का डांस, कोरोना प्रोटोकॉल की उड़ीं धज्जियां

औरंगाबाद: श्राद्धकर्म में अश्लील गानों पर बार-बालाओं का डांस, कोरोना प्रोटोकॉल की उड़ीं धज्जियां

AURANGABAD: बिहार के औरंगाबाद जिले में एक बार फिर कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ती दिखी। अश्लील गानों पर रात भर बार-बालाओं ने ठुमके लगाए। आश्चर्य की बात तो यह है कि बार-बालाओं का यह डांस किसी खुशी को मौके पर नहीं बल्कि श्राद्ध कार्यक्रम में आयोजित किया गया था।


इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर मुखिया प्रत्याशी सुबेदार पासवान और वार्ड सदस्या देवंती देवी मौजूद रहे। इस दौरान सोशल डिस्टेसिंह की भी धज्जियां उड़ाई गयी। श्राद्ध कर्म पर आयोजित यह डांस कार्यक्रम इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस डांस कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। रात भर अश्लील गानों पर यह डांस कार्यक्रम होता रहा लेकिन इसकी भनक तक पुलिस को नहीं लगी।


बार बालाओं के डांस का यह वीडियो बिहार के औरंगाबाद जिले के जम्होर थाना क्षेत्र के कुड़वां गांव का है। जहां एक श्राद्ध कार्यक्रम में इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। वीडियो में साफ देख सकते है कि कैसे अश्लील गानों पर बाल-बालाए ठुमके लगाते नजर आ रही हैं। इस कार्यक्रम में बच्चे भी इन बार-बालाओं के साथ डांस कर रहे हैं।

 

कोरोना काल में लागू कोविड प्रोटोकॉल की तो बात ही मत पूछिये उसकी तो ऐसी की तैसी हो गयी। इस दौरान किसी ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया। दरअसल बारुण प्रखंड के पौथु पंचायत के कुड़वां गांव में स्वच्छताग्रही जय किशोर कुमार के दादा के श्राद्ध कार्यक्रम में डांस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जहां नाच प्रोग्राम में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाकर रख दी गयी।


हद तो यह भी हो गई कि कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि भावी मुखिया प्रत्याशी सुबेदार पासवान एवं वार्ड सदस्या देवंती देवी भी शामिल हुए। मामले का रोचक पहलू यह है कि एक तरफ सरकार कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लोगों को जागरूक कर रही है। वहीं दूसरी ओर सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रम स्वच्छता अभियान के स्वच्छताग्रही ही इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन कर कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन कर रहे है। 


यह डांस कार्यक्रम पंचायत में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोगों का कहना है कि जब सरकार के स्वच्छताग्रही, मुखिया और वार्ड सदस्य ही जब इस तरह का काम करेंगे तो आम लोगों को ऐसा करने से कौन रोकेगा? इस तरह के आयोजनों से समाज में भी गलत संदेश जा रहा है। जबकि सरकार ऐसे आयोजनों पर रोक लगाने की बात करती हैं इसके बावजूद लोग इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं और सरकार द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइन की भी धज्जियां उड़ा रहे हैं।