ब्रेकिंग न्यूज़

GAYA JEE: शव का दाह संस्कार करने पहुंचे लोगों की बेरहमी से पिटाई, स्थानीय दुकानदारों पर कार्रवाई की मांग शराबबंदी की साख पर सवाल: जदयू महासचिव राजेश रजक शादी में शराब पीते गिरफ्तार पीएम मोदी की निजी सचिव निधि तिवारी की सैलरी कितनी है? 8वें वेतन आयोग से कितना होगा इजाफा? जानिये.. Bihar Politics: बिहार चुनाव से पहले VIP का थीम सॉन्ग लॉन्च, सहनी बोले- आरक्षण हमारा हक, हम इसे लेकर रहेंगे Bihar Politics: बिहार चुनाव से पहले VIP का थीम सॉन्ग लॉन्च, सहनी बोले- आरक्षण हमारा हक, हम इसे लेकर रहेंगे Railway News: अब टिकट के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ेगा, बिहार के 702 रेलवे स्टेशनों पर ATVM लगाने की तैयारी Bihar News: सीएम नीतीश कुमार अचानक पहुंच गए हाजीपुर, भागे-भागे पहुंचे अधिकार; फोर लेन पुल का किया निरीक्षण 10 रूपये की खातिर नोजल मैन की पिटाई करने वालों को पुलिस ने दबोचा, 25 हजार का ईनामी भी गिरफ्तार Bihar News: चिराग की रैली में दिव्यांग युवक से धक्का-मुक्की, ट्राईसाइकिल क्षतिग्रस्त; बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट के नारे को बताया झूठा Bihar School News: बिहार के 40 हजार से अधिक स्कूलों में होने जा रहा यह बड़ा काम, नीतीश सरकार ने दे दी मंजूरी

बिना लक्ष्ण वाले कोरोना मरीज से है ज्यादा खतरा, नहीं बरतें लापरवाही

1st Bihar Published by: Updated Fri, 19 Jun 2020 03:56:27 PM IST

बिना लक्ष्ण वाले कोरोना मरीज से है ज्यादा खतरा, नहीं बरतें लापरवाही

- फ़ोटो

DESK : कोरोना वायरस का अंत अब तक देश और दुनिया से नहीं हो सका है. दुनिया में कोरोना के 84 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चूका है. वहीं, भारत में अब तक 3 लाख 80 हज़ार से ज्यादा केसेस सामने हैं.  कोरोना संक्रमण की चेन देश में लॉकडाउन लगाने के बावजूद तोडा नहीं जा सका है. बिना लक्षण वाले कोरोना से संक्रमित मरीज इस बीमारी को अनजाने में बड़ी ही तेज़ी से फैला रहे हैं. पर एक स्टडी में ये बात निकल कर सामने आई है कि जिन लोगों में कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं उन लोगों के लिए ये खतरनाक साबित हो सकता है. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया है कि आने वाले दिनों में एसिम्टोमैटिक मरीजों की तादात 80 प्रतिशत तक हो सकती है. एसिम्टोमैटिक मरीजों के शरीर को कोरोना वायरस काफी नुकसान पहुंचाता है. बावजूद इसके मरीज को पता तक नहीं चलता है कि उसे क्या हो रहा है.      

द जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन में प्रकाशित शोधपत्र के अनुसार चीन के वुहान शहर के शोधकर्ताओं ने कोविड-19 के लक्षण दिखाई देने वाले और न दिखाई देने वाले मरीजों का अध्ययन किया. उन्होंने पाया कि एसिम्टोमैटिक मरीजों में लक्षण तो नहीं दिखाई देता है पर ऐसे मरीजों के शरीर को कोरोना वायरस बेहद नुकसान पहुंचता है.   

शोधकर्ताओं के अनुसार एसिम्टोमैटिक मरीजों के शरीर में CD4+T  लिम्फोसाइट की खपत कम होती है जिसका मतलब यह है कि ऐसे मरीजों के इम्यून सिस्टम को कम नुकसान हुआ था. ये मरीज बीमारी से अंजान रहते हैं इस वजह से ये लोग अपना टेस्ट नहीं करवाते, न डॉक्टर की सलाह लेते हैं और न ही खुद को आइसोलेट या क्वारंटाइन करते हैं.  

अध्यन में यह बात सामने निकल कर आई की इन मरीजो में भले ही कोई लक्षण न दिखे पर शरीर के अंदरूनी अंगो को काफी नुकसान होता है. ऐसे मरीजो को भले ही खांसी या सांस लेने में परेशानी न हो पर फेफड़ों में इन्फेक्सन जरुर रहता है. इन के शरीर में अंदरूनी रूप से वायरस बढ़ते जाता है पर लक्षण उभर कर सामने नहीं आते है. 

द लैनसेट में प्रकाशित खबर के अनुसार, हॉन्गकॉन्ग के शोधकर्ताओं ने उन मरीजों पर अध्यन किया जो डायमंड प्रिंसेस क्रूज जहाज पर संक्रमित हो गए थे. यहां भी शोधकर्ताओं ने पाया कि एसिम्टोमैटिक मरीजों के कारण ही इस जहाज पर कोरोना का संक्रमण फैला था.

दरअसल इस जहाज पर सवार नौ में से छह मरीज ऐसे थे जिनमें जहाज छोड़ने के बाद क्वारंटाइन के 14 दिनों तक कोई लक्षण नहीं दिखाई दिया. इन एसिम्टोमैटिक मरीजों के कारण ही अमेरिका, रूस, यूके, ब्राजील और दूसरे यूरोपीय देशों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलता गया. एसिम्टोमैटिक मरीजों में भले ही कोविड-19 के कोई लक्षण न दिखाई देते हों,  पर उनकी जानकारी के बिना ही उनका शरीर इस बीमारी से जूझता रहता है. वायरस उनके फेफड़े के और इम्यून सिस्टम को भी प्रभावित करता है. ये दूसरों को बड़ी तेज़ी से संक्रमित करते है. इसीलिए बेहतर है की सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क की अहमियत को समझें और सावधानी बरतें.