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1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Fri, 21 Jul 2023 07:40:08 PM IST
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DELHI: पटना की एएसपी काम्या मिश्रा, सदर एसडीएम खंडेकर श्रीकान्त कुण्डालिक समेत पटना जिले के दूसरे पदाधिकारियों के खिलाफ संसद में विशेषाधिकार हनन का मामला चलेगा. इन सबों के खिलाफ भाजपा सांसद जनार्दन सिंह सिग्रिवाल ने विशेषाधिकार हनन औऱ प्रोटोकॉल के उल्लंघन की शिकायत की थी. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने उनकी शिकायत को स्वीकार करते हुए आगे की कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
मामला पटना में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं पर 13 जुलाई को हुए लाठीचार्ज के दौरान सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल की पिटाई का है. इस मामले में सांसद जनार्दन सिग्रीवाल ने लोकसभाध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा था कि 13 जुलाई को उनकी पार्टी की ओर से एक लोकतान्त्रिक और शांतिपूर्वक मार्च का आयोजन किया गया था. वे इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए गाँधी मैदान पटना पहुंचे थे.
पत्र में कहा गया है कि गाँधी मैदान के कार्यक्रम स्थल पर बिहार प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सम्राट चौधरी, बिहार विधान सभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा जी और भाजपा के कई पूर्व मंत्री, सांसद, विधायक, विधान पार्षद समेत दूसरे नेता मौजूद थे. प्रशासन ने भाजपा को गांधी मैदान से बिहार विधान सभा तक मार्च करने की अनुमति थी. कार्यक्रम बिहार की राजधानी पटना में हो रहा था, इसलिए मुख्य सचिव और डीजीपी की जानकारी में था और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने की उनकी जिम्मेदारी बनती थी.
सिग्रिवाल ने अपनी शिकायत में कहा है कि वे अनुशासित और शांतिपूर्ण तरीके से मार्च में चल रहे थे. इस मार्च और सभा के आयोजन के लिए जिला प्रशासन को जानकारी देकर लिखित सहमति पार्टी द्वारा प्राप्त कर ली गई थी तथा मार्च के रुट के सम्बन्ध में भी भाजपा कार्यालय द्वारा प्रशासन को लिखित जानकारी दे दी गई थी. मार्च के दौरान सांसद सिग्रिवाल जैसे ही डाक बंगला चौराहा तक पंहुचे तो वहां उपस्थित दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारियों के सामने ही मुझे जान से मारने और अपंग बनाने की नीयत से मेरे सिर से लेकर पूरे शरीर पर पुलिस द्वारा लाठियों से हमला कर दिया गया. इतना ही नहीं मेरे साथ जो कार्यकर्ता एवं सुरक्षाकर्मी थे, उनके द्वारा भी चिल्ला-चिल्लाकर लगातार बताये जाने के बाद कि ये माननीय सांसद हैं, फिर भी मुझ पर लाठियों से प्रहार जारी रहा.
पत्र में सांसद ने कहा है कि वे किसी तरह बचकर अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ सड़क के दूसरी तरफ हटकर आ गये और डाक बंगला चौराहा के पश्चिमी उत्तरी सड़क के किनारे - अपने कार्यकर्ताओं एवं सुरक्षाकर्मियों के साथ खड़े थे. इसी दौरान वहाँ उपस्थित पटना के पदाधिकारीगण जिनमें अनुमंडल पदाधिकारी पटना सदर खंडेकर श्रीकान्त कुण्डालिक, एएसपी काम्या मिश्रा, सहकारिता प्रसार पदाधिकारी शशि भूषण कुमार, पटना मध्य के पुलिस उपाधीक्षक और घटनास्थल पर उपस्थित दूसरे दण्डाधिकारयों के आदेश पर पुलिसकर्मियों ने मुझे चारों तरफ से घेर लिया एवं लाठी बरसाने लगे. ये अधिकारीगण पुलिस वालों को जोर-जोर से लाठी से सिर पर और कमर के ऊपर मारने के लिए आदेश दे रहे थे.
सांसद ने कहा है कि इस बर्बर घटना में सामने से माथे पर लाठियों के प्रहार को रोकने के क्रम में मेरे माथे, दोनों हाथों, कन्धा, पीठ और पैर पर काफी गंभीर चोटें लगीं. मेरे ऊपर लाठी से इतना जबरदस्त हमला किया गया कि मैं गिर गया, गिरने के बाद भी पुलिस द्वारा मेरे ऊपर लगातार डंडा बरसाया जाता रहा. इस दमनकारी बर्बर घटना में किसी तरह मेरी जान बची.
सांसद ने कहा है कि उनकी बर्बर तरीके से पिटाई की गयी, जिसके बाद वे अपने कार्यकर्ताओं श्री रमाशंकर मिश्र, बंटी ओझा, नीरज कुमार, शिवाजी सिंह और दूसरे लोगों के साथ IGIMS अस्पताल, राजा बाजार, पटना पहुंचा. वहां मुझे भर्ती कर उपचार किया गया. साथ ही घटना में घायल दूसरे कार्यकर्ताओं का भी उपचार किया गया. सांसद सिग्रिवाल ने बताया है कि उनके इस पत्र को लोकसभाध्यक्ष और विशेषाधिकार समिति ने स्वीकार कर लिया है और आगे की कार्रवाई के लिए भेज दिया है.