Patna accident : पटना में बाकरगंज नाले पर बना मकान धंसा, चार लोग फंसे; राहत-बचाव कार्य जारी Success Story: कौन हैं IAS आशीष कुमार? जिन्होंने अनंत सिंह के गिरफ्तारी से ठीक पहले संभाली थी मोकामा की कमान Bihar Election 2025: ‘लालू का अपना इतिहास रहा है, वह खुद सजायप्ता हैं’ रीतलाल यादव के लिए रोड शो करने पर बोले दिलीप जायसवाल Bihar Election 2025: ‘लालू का अपना इतिहास रहा है, वह खुद सजायप्ता हैं’ रीतलाल यादव के लिए रोड शो करने पर बोले दिलीप जायसवाल Bihar Election 2025 : पहले चरण के चुनाव प्रचार के आखिर दिन अमित शाह के बड़े वादे,कहा - डिफेंस कॉरिडोर, नई रेललाइन और रामायण सर्किट से बदलेगा बिहार का भविष्य DSP ने 100 करोड़ नहीं बल्कि 200-300 करोड़ कमाया, खुलासे ने हिला दिया सिस्टम..हो गया सस्पेंड Bihar Election 2025: ‘महाठगबंधन के आधे लोग जेल में हैं, आधे बेल पर’, शिवराज सिंह चौहान का बड़ा हमला Bihar Election 2025: ‘महाठगबंधन के आधे लोग जेल में हैं, आधे बेल पर’, शिवराज सिंह चौहान का बड़ा हमला Success Story: “एक दिन तू अफसर बनेगी…”, 5 साल की उम्र में माता-पिता को खोया, फिर भी नहीं मानी हार; कड़ी मेहनत से बनीं IPS अधिकारी Bihar road accident : बिहार के रोहतास में दर्दनाक सड़क हादसा, ट्रेनी सिपाही और पिता की मौत
1st Bihar Published by: Updated Thu, 01 Apr 2021 07:08:03 AM IST
                    
                    
                    - फ़ोटो
GUWAHATI : चारा घोटाले मामले में सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव को भले ही बिहार की सियासत से नकारने की भरपूर कोशिश हो रही हो, असम में हो रहे विधानसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव बड़े फैक्टर बन गये हैं. असम के लखीपुर विधानसभा क्षेत्र में लालू प्रसाद यादव के नाम पर वोटों की गोलबंदी हो रही है. दिलचस्प बात ये है कि इस क्षेत्र में हो रहा चुनाव यादव बनाम भूमिहार की लड़ाई बन गया है.
असम का मधेपुरा है लखीपुर
बिहार से तकरीबन एक हजार किलोमीटर दूर बसा लखीपुर असम का मधेपुरा कहलता है. असम के बराक घाटी में सिल्चर से 40 किलोमीटर दूर लखीपुर को आखिरकार क्यों मधेपुरा कहा जाता है इसका अंदाजा वहां घुसते ही हो जाता है. इस विधानसभा क्षेत्र में बिहार और झारखंड से आकर बस गये यादव जाति के वोटरों की भारी तादाद है. बिहार की तरह की ही लखीपुर में जाति के आधार पर वोटों का बंटवारा होता है औऱ जातीय गोलबंदी ही चुनाव का नतीजा तय करती है.
लखीपुर विधानसभा क्षेत्र में आज ही यानि 1 अप्रैल को वोटिंग होनी है. दिलचस्प बात ये है कि इस क्षेत्र में इस दफे का चुनाव भूमिहार बनाम यादव की लड़ाई हो गयी है. मुकाबला तीखा है और लालू यादव का फैक्टर तय करेगा कि जीत किस उम्मीदवार को हासिल होगी.
कांग्रेस ने तेजस्वी को खास तौर पर बुलाया था
लखीपुर विधानसभा क्षेत्र में यादव वोटरों औऱ लालू फैक्टर इतना अहम है कि कांग्रेस ने यहां अपने प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने के लिए तेजस्वी यादव को बहुत आरजू-मिन्नत करके बुलाया था. कांग्रेस की ओर से उपलब्ध कराये गये चार्टर प्लेन से तेजस्वी जब लखीपुर में 27 मार्च को जनसभा करने पहुंचे तो लोगों को ये दिख गया था कि आखिरकार लखीपुर को असम का मधेपुरा क्यों कहते हैं. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक 27 मार्च को तेजस्वी की जनसभा में इतनी जबरदस्त भीड़ उमडी थी कि देखने वाले हैरान रह गये थे. असम में इस दफे हो रहे विधानसभा चुनाव में उतनी बड़ी जनसभा लखीपुर तो दूर असम के बाराक घाटी में किसी दूसरे नेता की नहीं हुई है.
स्थानीय पत्रकार संजय बरूआ के मुताबिक तेजस्वी यादव की जनसभा ने ही कांग्रेस के उम्मीदवार को जान दे दिया है. वर्ना उससे पहले तो वे मुख्य लडाई से बाहर माने जा रहे थे. उनके मुताबिक अगर तेजस्वी फैक्टर काम कर गया तो फिर कांग्रेस का भी काम बन जायेगा.
भूमिहार बनाम यादव की लड़ाई
लखीपुर में चुनाव दिलचस्प इसलिए भी हो गया है कि यहां भी बिहार की तर्ज पर भूमिहार बनाम यादव की लडाई हो रही है. भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट से भूमिहार जाति के कौशिक राय को अपना उम्मीदवार बनाया है. हालांकि इस सीट से पिछली दफे कांग्रेस के राजदीप ग्वाला चुनाव जीते थे. इस विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राजदीर ग्वाला ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया था. लेकिन बीजेपी ने उन्हें टिकट देने के बजाय पूर्वांचल से असम में आकर बसे कौशिक राय को उम्मीदवार बनाया है. हालांकि राजदीप ग्वाला और उनके परिवार की इस विधानसभा सीट पर मजबूत पकड़ रही है. राजदीप के पिता दिनेश ग्वाला इस क्षेत्र से सात दफे विधायक रह चुके हैं औऱ उन्हें लखीपुर का लालू यादव कहा जाता रहा है.
हालांकि कांग्रेस ने भी ग्वाला तबके से किसी उम्मीदवार को टिकट देने के बजाय मुकेश पांडेय को प्रत्याशी बनाया है. लेकिन तेजस्वी यादव के चुनाव प्रचार के बाद कांग्रेस को उम्मीद है कि बिहार की तरह लखीपुर में भी भूमिहार बनाम यादव की लडाई होगी औऱ यादवों का वोट गोलबंद होकर उसके पाले में आय़ेगा. दरअसल असम के चुनाव में तीसरा कोण बना रहे असम जातीय परिषद ने भी मुस्लिम उम्मीदवार अलीमुद्दीन मजूमदार को मैदान में उतार रखा है. ऐसे में यादव वोटरों के कांग्रेस के पक्ष में जाने की ही उम्मीद लगायी जा रही है.
हालांकि बीजेपी के नेताओं का अलग ही तर्क है. उनका कहना है कि असम के यादव वोटर जाति के नाम पर नहीं बल्कि बिहार मूल के उम्मीदवार को वोट करेंगे. ऐसे में लखीपुर में कौशिक राय को ही यादवों का वोट मिलेगा. किसकी उम्मीद कितनी सफल होती है ये तो मतगणना के बाद ही पता चल पायेगा.