Bihar Election 2025: पहले चरण के प्रचार का शोर थमेगा आज , 18 जिलों में 6 नवंबर को वोटिंग; इतने करोड़ मतदाता करेंगे मतदान Bihar News: बिहार चुनाव के बीच करोड़ों की लागत से बना पुल धंसा, कांग्रेस बोली- जनता सब देख रही है, अब वोट से चोट करेगी Bihar News: बिहार चुनाव के बीच करोड़ों की लागत से बना पुल धंसा, कांग्रेस बोली- जनता सब देख रही है, अब वोट से चोट करेगी बेतिया में मिनीगन फैक्ट्री का खुलासा, हथियार और उपकरण के साथ बाप-बेटा गिरफ्तार Bihar Election 2025: ओवैसी के नेता के बिगड़े बोल, खुले मंच से तेजस्वी यादव की आंख, उंगली और जुबान काटने की दी धमकी Bihar Election 2025: ओवैसी के नेता के बिगड़े बोल, खुले मंच से तेजस्वी यादव की आंख, उंगली और जुबान काटने की दी धमकी Bihar Election 2025: 'बिहार में सड़कें नहीं थीं, लेकिन बम जरूर फेंके जाते थे', रवि किशन को याद आया जंगलराज का पुराना दौर Bihar Election 2025: 'बिहार में सड़कें नहीं थीं, लेकिन बम जरूर फेंके जाते थे', रवि किशन को याद आया जंगलराज का पुराना दौर Bihar Election 2025: चुनावी रंग में रंगा बिहार, पटना पहुंचकर क्या बोलीं चुनाव आयोग की स्वीप आइकॉन नीतू चंद्रा? Bihar Election 2025: चुनावी रंग में रंगा बिहार, पटना पहुंचकर क्या बोलीं चुनाव आयोग की स्वीप आइकॉन नीतू चंद्रा?
1st Bihar Published by: Updated Thu, 26 Dec 2019 01:50:32 PM IST
                    
                    
                    - फ़ोटो
DELHI: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश में हो रहे हिंसक प्रदर्शन पर आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. एक कार्यक्रम के दौरान आर्मी चीफ ने कहा कि भीड़ को दंगे के लिए भड़काना कोई लीडरशीप नहीं है. जनरल रावत ने हिंसक प्रदर्शन में कॉलेज और यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स के शामिल होने पर भी सवाल उठाए.
आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि, 'नेता वो नहीं होते हैं जो लोगों को गलत दिशा में ले कर जाए. जैसा कि हम देख रहे हैं कि बड़ी संख्या में कॉलेज और यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं. ये सब हिंसा कर रहे हैं, सरकारी सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं. ये कोई लीडरशिप नहीं है.' आर्मी चीफ के इस बयान पर अब सियासी बवाल शुरू हो गया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने जनरल बिपिन रावत पर निशाना साधा है. ओवैसी ने तो आर्मी चीफ को अपने कार्यक्षेत्र तक सीमित रहने की नसीहत दे डाली.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, 'नेतृत्वकर्ता वह नहीं होता है जो लोगों को हथियार उठाने के लिए प्रेरित करे. आर्मी चीफ नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन पर, मैं आपसे सहमत हूं जनरल साहब, लेकिन नेता वह भी नहीं हो सकता जो अपने अनुयायियों को सांप्रदायिक आधार पर नरसंहार के लिए भड़काए. क्या आप मुझसे सहमत हैं जनरल साहब?' वहीं असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, 'अपने ऑफिस के प्रभाव क्षेत्र को समझना भी लीडरशिप है. यह (लीडरशिप) नागरिक की सर्वोच्चता को समझना और जिस संस्था के प्रमुख आप हैं उसकी गरिमा को ठीक से जानना भी है.'
"Leaders Not Those Who Lead Masses In Arson": Army Chief On Citizenship Protests
— digvijaya singh (@digvijaya_28) December 26, 2019
I agree General Saheb but also Leaders are not those who allow their followers to indulge in Genocide of Communal Violence. Do you agree with me General Saheb? https://t.co/rOo0vFGMIf
Leadership is knowing the limits of one’s office.
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 26, 2019
It is about understanding the idea of civilian supremacy & preserving the integrity of the institution that you head https://t.co/qqbxgGj72j