अररिया पुल ध्वस्त मामले में बड़ी कार्रवाई: 4 इंजीनियर सस्पेंड, पुल निर्माण एजेंसी पर भी केस दर्ज

अररिया पुल ध्वस्त मामले में बड़ी कार्रवाई: 4 इंजीनियर सस्पेंड, पुल निर्माण एजेंसी पर भी केस दर्ज

ARARIA: अररिया के सिकटी प्रखंड में बकरा नदी पर बनकर तैयार पुल उद्घाटन से पहले ही ध्वस्त हो गया। 18 जून की दोपहर करीब ढाई बजे नदी के तेज बहाव में पुल नदी में ही समा गयी। इस मामले में नीतीश सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। ग्रामीण कार्य विभाग के 4 इंजीनियर को निलंबित किया गया है। वही पुल निर्माण एजेंसी पर भी केस दर्ज किया गया है। 


सरकार की ओर से बताया गया कि अभियंता प्रमुख-सह-अपर आयुक्त सह विशेष सचिव, ग्रामीण कार्य विभाग, बिहार, पटना द्वारा अररिया जिला अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-2 अंतर्गत दिनांक 18.06.2024 को बकरा नदी पर निर्माणाधीन क्षतिग्रस्त पुल के संबंध में प्रतिवेदन उपलब्ध कराया गया। जिसे देखने के बाद यह स्पष्ट होता है कि उक्त पुल का निर्माण गुणवत्तापूर्ण नहीं हुआ है। इसके लिए कार्य से संबंधित अभियंताओं एवं संवेदक को जिम्मेवार माना गया है। ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता अंजनी कुमार, कार्य प्रमंडल, अररिया सम्प्रति कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल, सुपौल उक्त पुल के निर्माण कार्य से सम्बद्ध रहे हैं एवं इनके द्वारा कर्त्तव्यहीनता बरती गयी है।


अतः उपर्युक्त परिप्रेक्ष्य में अंजनी कुमार, तदेन कार्यपालक अभिंयता, ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल, अररिया सम्प्रति कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल, सुपौल को बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली, 2005 के नियम 9 (1) (क) के तहत तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक के लिये निलंबित किया जाता है एवं निलंबन अवधि में अंजनी कुमार का मुख्यालय अधीक्षण अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य अंचल, गया का कार्यालय निर्धारित किया जाता है। निलंबन अवधि में अंजनी कुमार को बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली, 2005 के नियम 10 (1) के तहत अनुमान्य जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।


वही उच्चस्तरीय जांच के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन किया है। ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने संवेदक के ऊपर एफआईआर दर्ज कराने और ब्लैक लिस्ट में डालने का निर्देश दिया है। बता दें कि 31 करोड़ की लागत से बने इस पुल का निर्माण तीन चरणों में हुआ था। सिकटी व कुर्साकांटा के दर्जनों गांवों को इस पुल का लाभ मिलता। 2021 में पुल तैयार हो तो गया लेकिन एप्रोच पथ का काम अधूरा था। नदी की धारा को मोड़कर पुरानी धारा में लाने का काम किया जाना था। लेकिन यह काम होने से पहले ही पुल नदी में समा गई।