LUCKNOW : खुद को झारखंड का मुख्यमंत्री बताकर एक पूर्व मुख्यमंत्री से ठगी करने वाले शातिर ठग को आखिरकार यूपी एसटीएफ ने दबोच लिया है. यूपी एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जिस ठग को गिरफ्तार किया है उसका नाम रंजन कुमार मिश्रा है. रंजन पर आरोप है कि उसने 2008 में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा से 40 लाख रूपए की ठगी की थी. रंजन ने खुद को तत्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोड़ा बताते हुए अर्जुन मुंडा से एक अकाउंट में 40 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए.
उत्तर प्रदेश से एसटीएफ ने जिस शातिर नटवरलाल को अरेस्ट किया है उसके खिलाफ यूपी के अलावे मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, असम और गुजरात में धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं. कई लोग जो रंजन की ठगी का शिकार हुए हैं उन्होंने मजबूरी में पुलिस कंप्लेन तक दर्ज नहीं कार्रवाई. खुद को मुख्यमंत्री, गवर्नर और सीनियर आईएएस-आईपीएस अधिकारी बताकर शातिराना अंदाज में ठगी करने वाले रंजन कुमार मिश्रा के खिलाफ इसी साल फरवरी महीने में एक मामला दर्ज किया गया था. लखनऊ के गोल्फ सिटी थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी कि उसने यूपी राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर से एक सीनियर अधिकारी बनकर 8 लाख रुपए की मांग की. पुलिस ने इस मामले में छानबीन शुरू की तो आखिरकार रंजन पकड़ में आ गया.
पुलिस की पकड़ में आने के बाद रंजन अपनी तरफ से ठगी की घटनाओं को अंजाम दिए जाने की कहानी सुना रहा है. रंजन का कहना है कि वह बड़े लोगों के नाम का इस्तेमाल कर ठगी को अंजाम देता था. जिसमें रिस्क बेहद कम होता था क्योंकि जो उसके निशाने पर होते थे. उन्हें खुद इस बात का अंदाजा नहीं होता था कि किसी बड़े व्यक्ति का नाम इस्तेमाल कर उसके साथ ठगी की जा रही है. रंजन इसके पहले जेल भी जा चुका है. साल 2011 में वह पटना के बेउर जेल में बंद था. बिहार में कई जिलों का डीएम और एसडीएम बनकर उसने ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया. 2011 में रंजन ने ग्वालियर के जिला निर्वाचन अधिकारी को मुख्य चुनाव आयुक्त बनकर फोन किया और बैंक के खाते में 2 लाख जमा करवा लिए. इसी तरह 2017 में बिजली विभाग का अधिकारी बनकर उसने छत्तीसगढ़ के एक ठेकेदार से 5 लाख रुपये बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करवाए. मध्य प्रदेश का राज्यपाल बनकर उसने 4 विधायकों से लाखों रुपए मांगे थे. इस मामले में भी उसके खिलाफ एवं मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक एफआईआर दर्ज की जा चुकी थी.