PATNA: चर्चित आदित्य सचदेवा हत्याकांड के तीनों अभियुक्तों की हाईकोर्ट से रिहाई को लेकर बिहार की सियासत गर्म हो गई है। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने रॉकी यादव समेत तीनों अभियुक्तों की रिहाई को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला है।
सुशील मोदी ने कहा है कि बिहार सरकार सत्तारूढ दल से जुड़े हत्यारे को साफ बरी करा सकती है और आजीवन कारावास पाये बाहुबलियों की रिहाई के लिए कानून बदल सकती है, लेकिन यदि कोई व्यक्ति विपक्षी दल का हो तो उसकी हत्या को हार्ट अटैक बताने वाली पोस्टमाटर्म रिपोर्ट जारी कर सकती है।
उन्होंने कहा कि जेडीयू एमएलसी के बेटे रॉकी यादव को रोडरेज की चर्चित घटना में आजीवन कारावास की सजा से बरी कराने के लिए सरकार ने हाई कोर्ट में न पुख्ता सबूत दिये, न ठीक से पैरवी की। सरकार बताये कि मई 2016 में आखिर व्यवसायी आदित्य सचदेवा की हत्या किसने की थी? वहीं दूसरी ओर विधान सभा मार्च के दिन जब भाजपा कार्यकर्ता विजय सिंह की मृत्यु लाठीचार्ज से हुई, तब सरकार इसे हर्ट-अटैक बताने लगी। अब झूठी पोस्टमाटर्म रिपोर्ट भी जारी हो गई।
सुशील मोदी ने कहा कि घटना के थोड़ी देर बाद ही जब पुलिस और सत्तारूढ़ दल घटना को हार्ट अटैक बताने लगे, तब किस मेडिकल आफिसर की हिम्मत थी कि सरकार की राय के विपरीत पोस्टमाटर्म रिपोर्ट देते। उन्होंने कहा कि यदि हिम्मत है तो नीतीश सरकार विजय सिंह की मृत्यु की जांच सीबीआई से कराये और रॉकी यादव को बरी किये जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे।
पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि सरकार तो जहरीली शराब से मौत और हत्या तक को स्वाभाविक मृत्यु साबित करने का जुगाड़ किये बैठी है ताकि अपराध के आंकड़ों से उसका चेहरा शर्मसार न हो। उन्होंने कहा कि अब वो नीतीश कुमार नहीं रहे, जो कहते थे कि सरकार न किसी को बचाती है, न किसी को फंसाती है। अब अपराधी बचाये जा रहे हैं और बेगुनाह लोग फंसाये भी जा रहे हैं।