रूपेश हत्याकांड को लेकर खीझे नीतीश पत्रकारों पर भड़के, बोले.. पुलिस को डेमोरलाइज मत करिए, जंगलराज याद है न

रूपेश हत्याकांड को लेकर खीझे नीतीश पत्रकारों पर भड़के, बोले.. पुलिस को डेमोरलाइज मत करिए, जंगलराज याद है न

PATNA : इंडिगो के एयरपोर्ट स्टेशन मैनेजर रूपेश कुमार सिंह की हत्या के 2 दिन गुजर जाने के बाद भी अब तक पुलिस के हाथ खाली है. हर दावे के बावजूद पुलिस अब तक के अपराधियों का कोई सुराग नहीं लगा पाई है. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपनी पुलिस के ऊपर सवाल उठाना पसंद नहीं है. बिहार में लॉ एंड ऑर्डर की विफलता के बाद नीतीश कुमार बुरी तरह से खींचे हुए हैं. आज नीतीश कुमार से जब रूपेश हत्याकांड को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने मीडिया पर ही अपनी भड़ास निकाल दी.

पटना के बिहार में सब कुछ ठीक है और मीडिया को इस तरह पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाकर उसे अब ऑनलाइन नहीं करना चाहिए. मुख्यमंत्री रूपेश हत्याकांड को लेकर सवाल पूछे जाने से इतने बुरी तरह भड़के हुए थे कि उन्होंने मीडिया को जमकर खरी-खोटी सुना दी. पत्रकारों को यहां तक कह डाला कि आप किसकी तरफ से पत्रकारिता कर रहे हैं.


मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को यह भी कहा कि जंगलराज का वक्त याद कर लीजिए. बिहार में पहले कौन सा दौर था. हालांकि नीतीश कुमार को पुलिस के ऊपर सवाल उठना नागवार गुजरा और वह काफी देर तक के पत्रकारों से ही बहस करते रहे. दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज आर ब्लॉक दीघा पुल का उद्घाटन करने पहुंचे थे और इसी दौरान मीडिया ने उनसे सवाल पूछना शुरू कर दिया. नीतीश कुमार को अपने सुशासन के ऊपर सवाल पसंद नहीं आया और वह पत्रकारों पर ही आरोप मढ़ते नजर आए. 

मुख्यमंत्री तकरीबन 10 मिनट तक पत्रकारों से उलझते रहे. पत्रकार सवाल दागते रहे और नीतीश कुमार यह आरोप लगाने से भी नहीं चूके कि पत्रकार विपक्ष की भाषा बोल रहे हैं. मुख्यमंत्री ने इस दौरान मीडिया के सामने यह भी कहा कि अगर आपको किसी अपराध के बारे में जानकारी मिलती है तो सीधा हमें बताइए. मुख्यमंत्री के इतना कहने के बाद पत्रकारों ने उनसे उल्टे सवाल कर दिया. मीडिया ने पूछा कि आखिर वह सूचना दें तो किसे दें. नीतीश कुमार ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि जानकारी सीधे बिहार के डीजीपी को दीजिए. तब पत्रकारों ने यह आरोप लगाया कि बिहार के डीजीपी फोन नहीं उठाते हैं. मीडिया कर्मियों की तरफ से बार-बार यह कहे जाने के बाद कि डीजीपी को फोन मिला कर देख लीजिए, वह फोन नहीं उठाते है तो नीतीश कुमार ने खुद डीजीपी को फोन मिला दिया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फोन घुमाते ही डीजीपी एसके सिंघल तुरंत हरकत में आ गए और फोन की दो रिंग के बाद ही उठा लिया. तब नीतीश कुमार ने यह कहा कि फोन उठाया करिए डीजीपी साहब.