अपने पिता की हत्या करने की सोच रहे थे आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे, खुद किया ये बड़ा खुलासा

अपने पिता की हत्या करने की सोच रहे थे आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे, खुद किया ये बड़ा खुलासा

PATNA : बिहार में सुपर कॉप के नाम से चर्चित आईपीएस अधिकारी शिवदीप वामन राव लांडे हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं. पटना के सिटी एसपी रहते हुए शिवदीप लांडे ने खुद की सिंघम वाली इमेज बनाई. पटना के लोगों के चहेते बने और आलम यह रहा कि जब पटना से तबादला हुआ तो लोगों के आंख से आंसू निकल आए. महाराष्ट्र में कुछ दिनों तक के सेवा देने के बाद शिवदीप लांडे एक बार फिर से बिहार में योगदान करने लौटे तो उन्हें डीआईजी बनाया गया. शिवदीप लांडे एक बार फिर से सुर्खियों में है. दरअसल उन्होंने अपने निजी जीवन को लेकर एक के बाद एक कई खुलासे किए हैं. शिवदीप लांडे ने खुद से कबूल किया है कि बचपन में वह अपने पिता की हत्या करने की बात सोच रहे थे.



लांडे ने किया खुलासा

अपने निजी जीवन को लेकर शिवदीप लांडे ने यह खुलासा अपनी किताब वूमन बिहाइंड द लायन के विमोचन के मौके पर कही है. मीडिया से मुखातिब होते हुए शिवदीप लांडे ने अपने निजी जीवन और बचपन की परिस्थितियों के बारे में ढेर सारी बातें साझा की. शिवदीप लांडे ने पटना में अपनी किताब के विमोचन के मौके पर कहा कि बचपन में उनके परिवार की जो स्थिति थी वह बेहद गुस्से में आ जाते थे. इतना ही नहीं एक बार तो उन्होंने अपने पिता की हत्या कर देने तक की बात सोच डाली थी. लांडे ने बेहद साफगोई के साथ कबूल किया कि उनके पिता सरकारी कर्मी थे लेकिन नशे के आदी थे ड्रग एडिक्ट होने की वजह से परिवार की स्थिति खराब थी. पिता की नौकरी छूट जाने के बाद परिवार के हालात बिगड़ते चले गए. ऐसे में शिवदीप लांडे और उनके परिवार को मां नहीं संभाला लांडे और उनके भाई के साथ साथ वाहनों के लिए उनकी मां एक मिसाल है. शिवदीप लांडे ने कहा कि अपनी मां से प्रेरित होकर उन्होंने न केवल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की बल्कि आईपीएस बन कर आज देश की सेवा कर रहे हैं. लांडे ने अपनी मां को समर्पित की है.



रविवार को शिवदीप लांडे की इस किताब का विमोचन हो चुका है. अपने जीवन पर आधारित इस किताब में शिवदीप लांडे ने उन पहलुओं की चर्चा की है जो अब तक मीडिया या आम लोगों के सामने नहीं आ पाए हैं. एक सुपर कॉप के तौर पर शिवदीप लांडे को ज्यादातर लोगों ने देखा है लेकिन लांडे की परिस्थितियां उनका पारिवारिक बैकग्राउंड उनके संघर्ष और बचपन से लेकर आईपीएस बनने तक की कहानी क्या है और कैसे उनकी मां सबके पीछे प्रेरणा बनकर खड़ी रही. आईपीएस अधिकारी यही सब कुछ अपनी किताब में बता गए हैं.