MUNGER: लोकसभा चुनाव में अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए पसीना बहा रहे उम्मीदवारों को कहीं-कहीं मतदाताओं के भारी विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है। हर दिन उम्मीदवारों के विरोध की खबरें अखबारों की सुर्खियां बन रही हैं। ताजा मामला मुंगेर से सामने आया है, जहां जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष और सांसद ललन सिंह का अपने ही संसदीय क्षेत्र में भारी विरोध हुआ है।
दरअसल, इसबार के लोकसभा चुनाव में भी मुंगेर की सीट जेडीयू के खाते में आई है। इस सीट से सांसद ललन सिंह को जेडीयू ने इस बार भी अपना उम्मीदवार बनाया है। पार्टी का सिंबल मिलने के बाद ललन सिंह चुनावी मैदान में उतरकर लोगों को अपने पक्ष में गोलबंद कर रहे हैं हालांकि इस दौरान उन्हें लोगों के भारी विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है। शुक्रवार को जेडीयू उम्मीदवार ललन सिंह को भारी विरोध झेलना पड़ा।
शुक्रवार को जेडीयू सांसद ललन सिंह मुंगेर लोकसभा क्षेत्र के टीकारामपुर में एक नुक्कड़ सभा को संबोधित करने के लिए पहुंचे थे। ललन सिंह इलाके के पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर चुनाव की रणनीति बना रहे थे, तभी वहां मौजूद एक पंचायत प्रतिनिधि ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया और ललन सिंह के खिलाफ सैकड़ों लोगों के बीच अपनी पूरी भड़ास निकाल दी। ललन सिंह मंच पर बैठकर चुपचाप सबकुछ देखते रहे।
गुस्से से आगबबूला पंचायत प्रतिनिधि ने ललन सिंह पर आरोप लगाया कि पांच साल बीत गए लेकिन आजकर तक कोई काम नहीं किए। सत्ताधारी जेडीयू के ढाई साल तक राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहे लेकिन क्षेत्र के लोगों के लिए कुछ नहीं किया। जनप्रतिनिधि के इस आरोप के बाद मंच संचालन कर रहे जेडीयू नेता ने नाराज जनप्रतिनिधि को भरोसा दिलाया कि उसकी बातों को संज्ञान में ले लिया गया है हालांकि वह मानने को तैयार नहीं था।
आसपास बैठे लोग गुस्से में आए जनप्रतिनिधि को शांत कराने की कोशिश करने लगे लेकिन वह लगातार ललन सिंह की पोल खोलते रहा। इस दौरान जनप्रतिनिधि ने आरोप लगाया कि उसे जबरदस्ती वहां से भगाया जा रहा है। इसके बाद वहां मौजूद पार्टी के कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जबरन युवा जनप्रतिनिधि को वहां से धक्का मारकर भगा दिया। यह सारा खेल मंच पर बैठे ललन सिंह के सामने हुआ।
बता दें कि ललन सिंह के खिलाफ उनके संसदीय क्षेत्र मुंगेर के लोगों में भारी नाराजगी है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि ललन सिंह को सिर्फ चुनाव के समय मुंगेर की याद आती है। सांसद बनने के बाद वे या तो पटना रहते हैं या दिल्ली प्रवास करते हैं और क्षेत्र की जनता के दुख सुख से उनका कुछ लेना देना नहीं होता है। जब चुनाव आते हैं तो ललन सिंह अचानक क्षेत्र में प्रगट हो जाते हैं और जीतने के बाद फिर जल्दी नजर नहीं आते। ललन सिंह के खिलाफ उनके ही क्षेत्र के लोगों में भारी नाराजगी देखी जा रही है।