अंतिम सांस गिन रही सरकार, महागठबंधन में घमासान पर बोले आरसीपी ... लालू - तेजस्वी के इशारों पर नीतीश के खिलाफ बोले रहे राजद नेता

अंतिम सांस गिन रही सरकार, महागठबंधन में घमासान पर बोले आरसीपी ... लालू - तेजस्वी के इशारों पर नीतीश के खिलाफ बोले रहे राजद नेता

NALANDA : नीतीश कुमार का मन काम करने में नहीं लगता है। रोज देख रहे हैं की बाहरे रहते हैं। राजद और जेडीयू के जो कार्यकता हैं उनमें कभी मेल नहीं हो सकता है। राजद में नीतीश कुमार को लेकर काफी गुस्सा है। यह सरकार अब अंतिम सांस ले रही है अगर अशोक चौधरी कुछ बोले रहे हैं और उसके पलटवार में राजद के तरफ से सुनील सिंह कुछ जवाब दे रहे हैं तो यह नहीं समझाना चाहिए कि ये मन से कुछ भी बोल रहे हैं। यह बातें आज भाजपा नेता आरसीपी सिंह ने नीतीश सरकार में मची हलचल को लेकर कही है। 


दरअसल , मोदी सरकार के नौ साल पूरा होने पर बीजेपी के द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसी के तरह पावापुरी जल मंदिर के पास रविवार को एक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसी कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह पहुंचे थे। जहां उन्होंने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला है। आरसीपी सिंह ने कहा है कि - नीतीश कुमार को काम करने में मन नहीं लगता है। रोज देखते है नीतीश कुमार बाहर ही रहते हैं। नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ विश्वासघात किया है, आज देख लीजिए उनका क्या हाल है। पहले 127 विधायकों के साथ सरकार चल रही थी तो क्या हाल था और आज जब 160 विधायकों के साथ सरकार चल रही है तो फिर क्या हाल है। यहां आपस में ही खींचतान है। किस समय यह सरकार चली जाएगी, किसी को पता नहीं है। यह सरकार अंतिम सांस गिन रही है। 


इसके आलावा उन्होंने कहा कि,  इस बार नीतीश कुमार ने अवैध काम किया और पॉलिटिकल मोरीलिटी के विरुद्ध जाकर काम किया है , जनादेश के साथ अपमान किया। विधानसभा चुनाव में एनडीए के साथ सरकार चलाने के लिए जनता ने वोट दिया था लेकिन इन्होंने पलटीमार दिया और मिले भी किसके साथ जिसके खिलाफ बोल बोलकर नेता बने हैं। स्वाभाविक है कि आरजेडी के और जदयू के कार्यकर्ता कभी एक नहीं हो सकते। भले ही पटना में यह लोग एक हो जाए लेकिन जमीनी स्तर पर इनके कार्यकर्ता कभी एक नहीं होंगे। यही वजह है कि आज आरजेडी में भी नीतीश बाबू को लेकर काफी गुस्सा है।


वहीं, अशोक चौधरी और सुनील सिंह के बीच उठे विवाद को लेकर आरसीपी सिंह ने कहा कि यह दोनों अपने अपने  नेता के काफी करीबी हैं।अगर ऐसे में यह कुछ बोल रहे हैं तो यह मत समझ गए कि वह पर्सनल लेबल पर कुछ बोल रहे हैं बल्कि इन दोनों को ऊपर से आदेश मिला है तभी कुछ बोल रहे हैं। इनको जो आदेश मिला है उसका पालन कर रहे हैं।