आनंद मोहन की रिहाई के लिए गढे गये गलत आंकड़े? रिहाई के आदेश में सरकार ने 75 साल उम्र बतायी, कागजातों में उम्र कुछ और

आनंद मोहन की रिहाई के लिए गढे गये गलत आंकड़े? रिहाई के आदेश में सरकार ने 75 साल उम्र बतायी, कागजातों में उम्र कुछ और

PATNA: डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड के दोषी बाहुबली नेता आनंद मोहन को जेल से रिहा करने के लिए क्या कागजातों में भी हेरफेर की गयी है. ये सवाल इसलिए उठा है क्योंकि आनंद मोहन के उम्र पर भी विवाद हो गया है. दरअसल सरकार ने आनंद मोहन की रिहाई वाले आदेश में उनकी उम्र 75 साल बतायी है. लेकिन आनंद मोहन खुद अपनी 63 साल बताते हैं, वह भी सरकारी दस्तावेजों में. सवाल ये भी उठ रहा है कि उम्र  में ये हेरफेर क्यों हुई है।


बिहार सरकार ने 24 अप्रैल को जेल में सजा काट रहे आनंद मोहन समेत कुल 27 कैदियों की रिहाई का आदेश जारी किया है. सरकार ने रिहा होने वाले कैदियों की जो सूची जारी की, उसमें आनंद मोहन का नाम 11वें नंबर पर है. इसमें आनंद मोहन के बारे डिटेल दिया गया है. आनंद मोहन पुत्र-स्व. सच्चिदानंद सिंह, उम्र-75 साल. उन्हें मिली सजा का भी विवरण है. सरकारी आदेश में बताया गया है कि आनंद मोहन को 3 नवंबर 2007 को सजा सुनायी गयी थी।


नीतीश-लालू से भी बड़े आनंद मोहन

दरअसल, सरकारी आदेश में जब आनंद मोहन की उम्र 75 साल बतायी गयी थी तभी से लोगों के मन में सवाल उठने लगे थे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उम्र 72 साल है. वहीं राजद के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की उम्र अभी 75 साल नहीं हुई है. वे इस साल जून महीने में 75 साल के होंगे. सरकार ने अपने कागजात में आनंद मोहन की उम्र 75 साल बता दिया. यानि आनंद मोहन लालू यादव औऱ नीतीश कुमार दोनों से उम्र में बड़े हैं।


आनंद मोहन की असली उम्र क्या है?

फर्स्ट बिहार ने इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए आनंद मोहन से संबंधित दस्तावेजों की छानबीन की. इसके बाद दूसरा आंकड़ा सामने आ गया. फर्स्ट बिहार ने कई चुनाव लड़ चुके आनंद मोहन द्वारा चुनाव आयोग के समक्ष दायर किये गये शपथ पत्रों की पड़ताल की. उन शपथ पत्रों को देखने के बाद ये बात सामने आयी कि आनंद मोहन की उम्र अभी लगभग 63 साल है. आनंद मोहन ने 2004 में लोकसभा का चुनाव लडा था. उस चुनाव में दिये गये शपथ पत्र में उन्होंने अपनी 44 साल बतायी थी. यानि 2004 में आनंद मोहन 44 साल के थे तो उनका जन्म 1960 में हुआ है. इसके मुताबिक आनंद मोहन की उम्र अभी लगभग 63 साल होगी. ये आनंद मोहन खुद शपथ पत्र देकर कह चुके हैं।


कौन झूठ बोल रहा है और क्यों?

अब सवाल ये उठ रहा है कि आनंद मोहन की उम्र में ऐसी गड़बडी क्यों है। आनंद मोहन की उम्र को लेकर सरकार झूठ बोल रही है या आनंद मोहन खुद गलत जानकारी दे रहे हैं. उम्र की गलत जानकारी देने के पीछे मकसद क्या है. फर्स्ट बिहार ने अधिवक्ता सुशील कुमार सिंह से इस बारे में बात की। उनका कहना था कि वैसे तो परिहार बोर्ड से रिहाई के लिए उम्र का कोई अहम रोल नहीं होता. लेकिन ये तब अहम हो सकता है जब रिहाई के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी जाये. वहां ये दलील दी जा सकती है कि चूंकि कैदी की उम्र 75 साल हो गयी है इसलिए उसे लिबर्टी दी जानी चाहिये. वैसे आनंद मोहन की रिहाई का मामला अब तक कोर्ट में गया नहीं है. लेकिन जी. कृष्णैया की पत्नी कह चुकी हैं कि वह सुप्रीम कोर्ट जायेंगी।