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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 11 Aug 2023 07:22:06 AM IST
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PATNA : पूर्व बाहुबली सांसद आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट एपी सिंह बाहुबली सांसद आनंद मोहन के तरफ से पक्ष रखेंगे। पहले इस मामले पर सुनवाई 8 अगस्त को होनी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई की तारीख बढ़ा दी थी और अब आज यानी 11 अगस्त को सुनवाई की तारीख तय की गई है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पूर्वबाहुबली सांसद आनंद मोहन को यह हलफनामा दायर करने के लिए कहा था कि उन्हें बिहार सरकार ने किस आधार पर जेल से रिहा किया है। हालांकि इस मामले में बिहार सरकार ने जुलाई महीने में ही हलफनामा के साथ अपना जवाब दायर कर दिया है। उसके बाद आज जस्टिस जेएस पारदीवाला और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। इस सुनवाई के दौरान यह तय होना है कि आनंद मोहन की ज़मानत बरकरार रहेगी या इसे रद्द किया जाएगा।
मालूम हो कि, आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गोपालगंज के तात्कालिक डीएम जी कृष्णैया की पत्नीउमा देवी कृष्णैया ने याचिका दायर किया था। इस याचिका पर 8 मई को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच में पहली सुनवाई हुई। उस दिन कोर्ट ने बिहार सरकार और आनंद मोहन को नोटिस जारी किया और अपना-अपना पक्ष रखने को निर्देश दिया। इसके साथ ही बिहार सरकार से आनंद मोहन की रिहाई के मूल रिकॉर्ड भी पेश करने को कहा, जिसके आधार पर पूर्व सांसद को छोड़ा गया। बिहार सरकार के साथ-साथ पूर्व सांसद ने अपनी तरफ से जवाब जमा कर दिया है। फिलहाल सबकी नजरें आज सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी रहेगी।
इधर, बिहार सरकार ने 10 अप्रैल को जेल मैनुअल में बदलाव करने के सवाल पर अपने तर्क दिए हैं। आनंद मोहन के वकील एपी सिंह ने बताया कि इस तरह के नियम अन्य राज्यों में भी हैं, वहां उम्र कैद सजा पाए दोषी को छोड़ने का प्रावधान है। आम आदमी या लोक सेवक की हत्या की सजा एक जैसी ही है। आम आदमी की हत्या के दोषी की सजा पूरी होने के बाद रिहाई हो सकती है तो लोक सेवक की हत्या के दोषी की सजा पूरी होने के बाद रिहाई क्यों नहीं हो सकती है।