PATNA : बिहार विधानसभा चुनाव में दो चरणों का मतदान संपन्न ही गया है. इस चुनाव के तीसरे और आखिरी चरण के लिए 7 नवंबर को वोटिंग होने वाली है. गुरूवार को आखिरी चरण के लिए चुनाव प्रचार का शोर थम गया. आखिरी दिन एक ओर जहां पीएम मोदी ने बिहार के लोगों के नाम पत्र लिखा. वहीं, दूसरी ओर पश्चिम बंगाल पहुंचे देश के गृह मंत्री अमित शाह ने लालू-राबड़ी के 15 साल के शासन और महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव के ऊपर करार हमला बोला.
भाजपा के सीनियर लीडर और होम मिनिस्टर अमित शाह ने महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि "तेजस्वी यादव को बिहार का बजट पता होता तो 10 लाख नौकरियों का वादा नहीं करते." इतना ही नहीं लालू-राबड़ी के 15 साल के शासनकाल पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि "बिहार में हम बहुमत से सरकार बनाएंगे. जनता आरजेडी के शासन के 15 साल भूली नहीं है."
आपको बता दें कि बिहार के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव 10 बेरोजगारों को नौकरी देने का एलान किया है. तेजस्वी यादव ने अमूमन बिहार के हर चुनावी जनसभाओं में इस बात को जनता के सामने रखा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने पर वह 10 लाख बेरोजगारों को सरकारी नौकरी देंगे. 10 लाख नौकरियां देने के मुद्दे पर अमित शाह ने कहा कि "हम इससे परेशान नहीं है. हालांकि 10 लाख नौकरियां देना संभव नहीं है. लगता है कि उन्होंने पूरी तरह से स्टडी नहीं की है. वह बिहार बजट को पूरी तरह से नहीं जानते हैं."
आपको बता दें कि तेजस्वी यादव के इस चुनावी मुद्दे को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सवाल उठा चुके हैं. नीतीश इस बात को कई दफे दुहरा चुके हैं कि 10 लाख बेरोजगारों को नौकरी देने के लिए तेजस्वी यादव रुपये कहां से लाएंगे. इतना ही नहीं कई बार नीतीश ने सरकारी खजाने पर बढ़ने वाले बोझ को लेकर आंकड़ा भी पेश किया है. नीतीश कह चुके हैं कि अगर 10 लाख बेरोजगारों को नौकरी देंगे तो सालाना 1 लाख 44 हजार करोड़ रुपये का खर्च बढ़ेगा. नीतीश कह चुके हैं कि तेजस्वी हास्यास्पद बातें कर रहे हैं. 10 लाख बेरोजगारों को नौकरी देने के लिए एक लाख 44 हजार करोड़ रुपया एक साल में न्यूनतम चाहिए.
हालांकि सीएम के इस सवाल पर तेजस्वी यादव ने सोमवार की शाम नौकरी संवाद के जरिये डिजिटल तरीके से बिहार के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार बनी तो सबसे पहले 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देंगे. नीतीश जी कह रहे हैं कि पैसे कहां से आयेंगे. जरूरत पड़ी तो उनकी सरकार मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री और विधायकों की सैलरी रोक देगी लेकिन बेरोजगारों को नौकरी देने के लिए पैसे जुटायेगी.
उधर गुरूवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार चुनाव प्रचार के आखिरी दिन पूर्णिया के धमदाहा में कहा कि "आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है. परसो चुनाव है और मेरा यह अंतिम चुनाव है. अंत भला तो सब भला. अब आपलोग बताईए वोट एनडीए के प्रत्याशी को दीजिएगा न."
सीएम के इस बयान पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी कड़ी टिप्पणी की है. तेजस्वी यादव ने कहा, ''मैं जो बात पहले से कहता रहा हूं कि नीतीश कुमार जी थक चुके हैं, उनसे बिहार संभल नहीं रहा है. वो जमीनी हकीकत को पहचान नहीं पाए और जब उन्हें अहसास हुआ तो उन्होंने संन्यास लेने की घोषणा कर दी.''