DESK: तालिबान के कब्जे में आये अफगानिस्तान को छोड़ने के लिए अमेरिका ने 31 अगस्त की समय सीमा तय की थी. लेकिन उससे पहले ही अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान छोड़ दिया. सोमवार की देर रात ही अमेरिकी सेना के आखिरी दस्ते को लेकर चार सैनिक विमानों सी-17 ने काबुल एयरपोर्ट से उड़ान भर दिया. लेकिन काबुल छोड़ने से पहले अमेरिकी सेना वह काम करके गयी जिसे तालिबान ने सोंचा भी नहीं होगा.
73 एय़रक्राफ्ट को अमेरिकी सेना ने कबाड़ बना दिया
अमेरिकी सेना के काबुल छोड़ने के बाद तालिबान ने जश्न मनाने के लिए फायरिंग की. उसके दस्ते ने काबुल हवाई अड्डे को अपने कब्जे में ले लिया. लेकिन काबुल हवाई अड्डे पर अमेरिकी सैनिकों द्वारा छोड़े गये 73 एयरक्राफ्ट को तालिबान कभी इस्तेमाल नहीं कर पायेगा. अमेरिकी सैनिकों ने सारे एय़रक्राफ्ट को कबाड़ बना कर छोड़ दिया है.
अमेरिकी सैनिकों के सेंट्रल कमांड के प्रमुख जेनरल केनेथ मैकेंजी ने मीडिया को बताया कि काबुल एयरपोर्ट पर रखे गये 73 विमानों औऱ हेलीकॉप्टरों को पूरी तरीके से निष्क्रिय कर दिया गया है. अमेरिकी जेनरल ने कहा कि उन्हें इस हाल में पहुंचा दिया गया है कि उसका अब कभी उपयोग नहीं हो पायेगा. उसे कोई उडा नहीं पायेगा. हालांकि काबुल एय़रपोर्ट पर पड़े 73 विमानों में से ज्यादातर सैन्य विमान नहीं हैं. लेकिन तमाम विमानों को पूरी तरीके से निष्क्रिय कर दिया गया है.
दूसरे सैन्य वाहनों को भी निष्क्रिय किया
अमेरिकी सेना ने काबुल एयरपोर्ट पर 70 अति आधुनिक माइन रेजिस्टेंट प्रोटेक्शन व्हीकल भी छोड़ दिया है. इस सैन्य वाहन पर किसी बम के हमले का कोई असर नहीं होता. एक वाहन की कीमत तकरीबन साढ़े सात करोड़ रूपये होती है. अमेरिकी सेना ने ऐसे तमाम वाहनों को भी पूरी तरह से निष्क्रिय कर दिया है. यानि अब इन्हें भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा.
तालिबान का जश्न
वैसे सोमवार की देर रात जैसे ही अमेरिकी सेना के आखिरी दस्ते ने काबुल एयरपोर्ट को छोड़ा तालिबान ने जश्न मनाना शुरू कर दिया. तालिबानियों ने जमकर हवाई फायरिंग की. तालिबान ने कहा कि उनकी जीत हुई और घुसपैठियों को देश छोड़कर जाना पड़ा. तालिबान ने अफगानिस्तान के अमेरिका मुक्त होने की घोषणा की.
काबुल एयरपोर्ट बंद
अमेरिकी सेना के काबुल छोड़ते ही वहां का एयरपोर्ट से विमानों की आवाजाही बंद हो गयी है. पूरी दुनिया में हवाई जहाजों की आवाजाही पर नियंत्रण रखने वाले नोटैम ने आपात मैसेज जारी किया है. उसमें कहा गया है कि काबुल एयरपोर्ट अब किसी के कंट्रोल में नहीं है. वहां कोई एयर ट्रैफिक कंट्रोल नहीं है. ऐसे में वहां से विमानों की आवाजाही नहीं होगी.