PATNA: बिहार की राजधानी पटना में तीन साल पहले एक नवजात बच्चा लावारिस हाल में पाया गया था. 3 साल तक वह अनाथालय में रहा. अब उसकी जिंदगी बदल गयी है. अमेरिका के एक डॉक्टर दंपत्ति ने उस बच्चे को गोद ले लिया है. डॉक्टर दंपत्ति उस बच्चे को पढ़ा लिखा कर उसकी जिंदगी संवारने में लग गये हैं. अमेरिकी दंपत्ति को बच्चे को गोद लेने की प्रशासनिक अनुमति मिल गयी है.
गुरूवार को पटना के दानापुर एसडीओ ने सरकारी नियमों के मुताबिक अमेरिकी दंपत्ति को बच्चे को गोद लेने की अनुमति दे दी. गोद लेने की सारी सरकारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद अमेरिकी परिवार ने बच्चे को अपने साथ अमेरिका ले जाने के लिए पासपोर्ट के लिए आवेदन दिया है. जैसे ही बच्चे का पासपोर्ट मिलेगा वे उसे अपने साथ ले जायेंगे.
सड़क किनारे मिला था नवजात बच्चा
करीब तीन साल पहले पटना के विक्रम थाना क्षेत्र के भादवा गांव में लावारिस नवजात बच्चा मिला था. दानापुर की एक निजी संस्था ने एक लावारिस बच्चे के लालन पालन की जिम्मेवारी ली थी. संस्था की ओर से बच्चे के परिजनों की काफी खोजबीन की गयी लेकिन कोई पता नहीं चला. ऐसे में उसी संस्था ने बच्चे को गोद ले रखा था. इस बीच अमेरिका से आये एक परिवार को उस लावारिस बच्चे का पता चला. अमेरिका से आये डॉक्टर कालिंद्री मिलन ने उस लावारिस बच्चे को गोद लेने की इच्छा जतायी.
इसके बाद बच्चे की देखभाल कर रही संस्था ने दानापुर के अनुमंडल पदाधिकारी को अमेरिकी दंपत्ति के बारे में जानकारी दी. SDO प्रदीप सिंह ने अमेरिकी परिवार को इसकी अनुमति दे दी कि वह बच्चे को गोद ले लें. तब सारी सरकारी प्रक्रिया पूरी की गयी और अमेरिकी परिवार ने बच्चे को गोद ले लिया. अब वे बच्चे को अपने साथ ले जाने की तैयारी में हैं. बच्चे के पासपोर्ट के लिए उन्होंने आवेदन कर दिया है. जैसे ही पासपोर्ट मिलेगा वैसे ही वे उसे अपने साथ लेकर अमेरिका चले जाएंगे.
संस्था की सविता कुमारी ने बताया कि अमेरिका के डॉक्टर कालिंद्री मिलन ने अपनी पत्नी के साथ गुरुवार को लावारिस बच्चे अर्जित कुमार को अपने साथ ले जाने की सभी प्रक्रिया पूरी कर ली है। पासपोर्ट प्राप्त होते ही वह अपने साथ बच्चे को लेकर अमेरिका जाएंगे। वहीं उसका पढ़ाई लिखाई और पालन-पोषण भी करेंगे।