NCP के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने अजित पवार, भतीजे के तंज पर शरद ने कहा ..अपना सिक्का ही खोटा निकला

NCP के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने अजित पवार, भतीजे के तंज पर शरद ने कहा ..अपना सिक्का ही खोटा निकला

MUMBAI: महाराष्ट्र की राजनीतिक गलियारे से जुड़ी बड़ी खबर यह आ रही है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत पवार को बनाया गया है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने आज शरद पवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने का ऐलान कर दिया। उन्होंने खुद को एनसीपी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बताया। 


बता दें कि दोनों गुट के नेता ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था। एनसीपी और चुनाव चिन्ह घड़ी को लेकर अजित पवार ने दावा किया था। इसे लेकर चुनाव आयोग को उन्होंने पत्र भी लिखा था। वही शरद पवार गुट से भी चुनाव आयोग को पत्र भेजा गया था जिसमें अजित समेत 9 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी। 


अध्यक्ष पद के ऐलान से पहले अजित पवार और शरद पवार ने अलग-अलग बैठक की थी। इस दौरान अजित पवार ने यह तंज कसा कि उम्र हो गया अब आशीर्वाद दीजिए। तब उनके चाचा शरद पवार ने कहा कि अपना सिक्का ही खोटा निकला।  


बता दें कि अजित पवार और शरद पवार गुट की मुंबई में बुधवार को बैठक हुई। अजित पवार की बैठक में एनसीपी के 35 विधायकों और 5 एमएलसी के शामिल होने का दावा किया गया। वहीं, शरद पवार गुट की बैठक में 13 विधायक शामिल हुए। इसके अलावा बैठक में तीन एमएलसी और पांच सांसद भी मौजूद रहे। 


बांद्रा के मुंबई एजुकेशन ट्रस्ट परिसर में चली अजित पवार खेमे की बैठक में अजित पवार को पार्टी का राष्ट्रीय नेता घोषित किया गया। इसके बाद अजित पवार ने एनसीपी पर अपना दावा ठोका है। अजित ने एनसीपी के चुनाव चिह्न पर भी अपना दावा किया है। चुनाव आयोग को इस संबंध में अजित पवार की एक चिट्ठी लिखी थी। 


दरअसल, महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में चाचा-भतीजे की लड़ाई में नंबर गेम के मामले में भतीजा अजित पवार ज्यादा 'पावरफुल' साबित हुआ। इस दौरान अजित पवार ने कहा, देश के लिए आज बड़ा दिन है। शरद पवार के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए उन्होंने कहा, आज जो हूं शरद पवार की वजह से हूं। उनके लिए पूरा सम्मान है।


वहीं, अजित पवार ने शरद पवार पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी में 75 साल की उम्र वाले नेता भी रिटायर हो जाते हैं, लेकिन कुछ लोग ये बात नहीं समझते हैं। 2 मई को शरद पवार ने इस्तीफा दिया था। तब यह तय हुआ था कि सुप्रिया सुले को अध्यक्ष बनाना है। हमने मान्य किया, लेकिन फिर क्या हुआ इस्तीफा वापस ले लिया।


इधर, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि जब हम शिवसेना की विचारधारा को स्वीकार कर सकते हैं, तो बीजेपी के साथ जाने में क्या आपत्ति है? हम एक स्वतंत्र इकाई के रूप में इस गठबंधन में शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि मैं शरद पवार के साथ पटना में संयुक्त विपक्ष की बैठक में गया था। जब मैंने वहां का दृश्य देखा तो मुझे हंसने का मन हुआ। वहां 17 विपक्षी दल थे। उनमें से 7 दलों के पास लोकसभा में सिर्फ एक सांसद है। एक पार्टी ऐसी थी, जिसका लोकसभा में एक भी सांसद नहीं है। उनका दावा है कि वे बदलाव लाएंगे।