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1st Bihar Published by: Updated Sat, 04 Sep 2021 07:24:51 PM IST
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DESK: अफगानिस्तान पर तालिबान के आतंक राज कायम होने के बाद महिलाओं को बचाने के लिए लोग ऐसे काम कर रहे हैं जिसे जानकर आप कांप उठेंगे. हालात इतने भयावह है कि मां-बाप अपनी बेटियों को तालिबान से बचाने के लिए ऐसे काम किये जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है. जिन बेटियों को बडे नाज से पाला था उन्हें देश से बाहर निकालने के लिए लोगों ने सारी कुर्बानी दे दी.
एयरपोर्ट के बाहर अनजानों से कराये निकाह
अमेरिकी विदेश मंत्रालय को जो रिपोर्ट मिली है उसमें इस बात का खुलासा हुआ है. अमेरिका को पता चला है कि लोगों में अपनी बेटियों को तालिबान के कब्जे में बचाने की बेचैनी थी. ऐसे में लोगों ने एयरपोर्ट के बाहर अनजान लोगों से अपनी बेटियों का निकाह करा दिया. निकाह इसलिए कराया गया ताकि उनकी बेटियां काबुल से बाहर निकल कर विदेश जा सके. ये सारे वाकये 30 अगस्त से पहले हुए जब विदेशी विमानों से लोगों को अफगानिस्तान से बाहर निकाला जा रहा था.
रिफ्यूजी कैंप में हुआ खुलासा
दरअसल अमेरिकी ने अफगानिस्तान से हजारों ऐसे लोगों को बाहर निकाला है जो उसके लिए काम कर रहे थे औऱ उन्हें तालिबान ढूढ़ रहा था. निकाले गये ऐसे ज्यादातर लोगों को अलग अलग देशों में रिफ्यूजी कैंपों में रखा गया. संयुक्त अरब अमीरात के ऐसे ही रिफ्यूजी कैंप में इस बात का खुलासा हुआ कि एयरपोर्ट के बाहर लड़कियों का निकाह करा कर उन्हें देश से बाहर भेज दिया गया. इसकी भनक मिलने के बाद जब लड़कियों से पूछताछ की गयी तो उन्होंने बताया कि उनके मां-बाप ने आनन फानन में उनकी जबरदस्ती शादी करा दी थी. वह भी एय़रपोर्ट के बाहर. उनके मां-बाप हर हाल में उन्हें देश के बाहर भेजना चाहते थे ताकि वे तालिबान के कहर का शिकार नहीं बनें.
पैसे देकर बेटियों का निकाह कराया
अमेरिकी जांच रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है कि अफगानिस्तान के सैकड़ों लोगों ने काबुल एयरपोर्ट के बाहर ऐसे लोगों को तलाशा जिनके पास विदेश जाने के सही कागजात थे. फिर उन्हें पैसे दिये ताकि वे उनकी बेटियों से निकाह कर लें. एय़रपोर्ट के बाहर ही काजी को बुलाकार निकाह की रस्म-अदायगी की गयी. उसके बाद विदेश जा रहे लड़कों ने उनकी बेटियों को अपनी पत्नी बताया औऱ उन्हें देश से बाहर निकाल ले गये.
अमेरिका ने इसे मानव तस्करी बताया
संयुक्त अरब अमीरात के रिफ्यूजी कैंप की रिपोर्ट मिलने के बाद अमेरिकी सरकार ने अपने सुरक्षा विभाग को जांच करने का निर्देश दे दिया गया है. उन्हें पता लगाने को कहा गया है कि ऐसे कितने मामले हैं, जिनमें लडकियों की जबरन शादी करा कर उन्हें अफगानिस्तान से बाहर भेज दिया गया. अमेरिकी अधिकारी पूरे मामले की गंभीरता से छानबीन कर रहे हैं. अमेरिकी कानून के तहत ये मानव तस्करी का मामला है.
आखिर क्यों मजबूर हुए अफगानिस्तानी
वैसे अमेरिका भी मान रहा है कि अफगान पेरेंट्स या लड़कियों ने ऐसा कदम बेहद मजबूरी और तालिबानी जुल्म के इतिहास को देखते हुए उठाया है. दरअसल अफगानिस्तान में तालिबान पहले भी सत्ता में रह चुका है. 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान पर तालिबान का शासन था औऱ इस दौरान जुल्म की सबसे ज्यादा शिकार महिलायें हुईं. लड़कियों का स्कूल और कॉलेज जाना बंद करा दिया था. उन्होंने ऐसा बुर्का पहनना था जिसमें शरीर का एक इंच भी न दिखे. घर से बाहर तभी निकलना था जब कोई पुरूष रिश्तेदार साथ हो. हजारों महिलायों के साथ तालिबानियों ने जबरदस्ती निकाह कर लिया. इस नर्क से अपनी बेटियों को बचाने के लिए ही अफगान लोगों ने अपने बेटियों को देश से बाहर भेजा.