PATNA: बिहार एक तरफ कोरोना संकट से जुझ रहा है तो दूसरी तरफ इंसेफेलाइटिस का संकट बढ़ता जा रहा है. केंद्र सरकार कोरोना से अधिक इंसेफेलाइटिस बीमारी को लेकर चिंतित है. इसको लेकर आज हम बैठक होने वाली है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगी बैठक
आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात करने वाले हैं. यह बैठक दोपहर में होने वाली है. पिछले साल इंसेफेलाइटिस बीमारी को लेकर केंद्र सरकार ने 330 करोड़ दिया, लेकिन बिहार सरकार खर्च नहीं कर पाई.
हर्षवर्धन ने की थी कई घोषणा
जून 2019 में 100 बच्चों की मौत बाद मुजफ्फरपुर पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कई घोषणा की थी. कहा था कि एसकेएमसीएच में 100 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू वॉर्ड और वायरोलाजी लैब बनेगा. इसके अलावा जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 10-10 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू बनेगा. पीएचसी पर सर्वेक्षण के आधार पर डॉक्टरों की तैनाती होगी. सभी पीएचसी पर ग्लूकोमीटर दिया जाएगा, पर्याप्त एम्बुलेंस व दवा की व्यवस्था की जाएगी. लेकिन अभी तक हॉस्पिटल बनकर तैयार नहीं हुआ है और इस खतरनाक बीमारी ने फिर से दस्तक दे दी है.