DGP ने दिया इस्तीफा ! इस वजह से केंद्र ने जताई थी आपति; कार्यकाल पूरा होने से पहले छोड़ा पद; नए नाम को लेकर चर्चा तेज Bihar Elections 2025: बिहार चुनाव को लेकर अलर्ट मोड में स्वास्थ्य विभाग, आपात स्थिति से निपटने के लिए कसी कमर Bihar Voting : पहले चरण में मतदान समय में बदलाव, सुरक्षा के कड़े इंतजाम; इन चीजों पर भी रहेगी नजर Kartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा पर पटना में लगा भीषण जाम, श्रद्धालुओं की भीड़ से ठप हुई राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था Bihar Election 2025 : लालू यादव ने मंत्री बनाने का प्रलोभन देकर नीतीश सरकार गिराने में मांगी थी मदद, तब BJP विधायक ने RJD सुप्रीमों का ऑडियो कर दिया था वायरल; अब पत्ता साफ़ हुआ तो तेजस्वी से मिला लिया हाथ Mirzapur Train Accident: कार्तिक पूर्णिमा पर बड़ा हादसा, ट्रेन की चपेट में आने से आधा दर्जन श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत Mirzapur Train Accident: कार्तिक पूर्णिमा पर बड़ा हादसा, ट्रेन की चपेट में आने से आधा दर्जन श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत Bihar Election 2025: वोटिंग के दिन बदला रहेगा पटना का ट्रैफिक प्लान, इन रास्तों में जाने पर रोक Bihar Assembly Election 2025 : पहले चरण में 6 नवंबर को 121 सीटों पर मतदान, 3.75 करोड़ मतदाता करेंगे वोटिंग; जानिए इन सवालों का जवाब Bihar News: नीतीश कुमार को फिर से CM बनाने के लिए मंत्री अशोक चौधरी और JDU महासचिव रंजीत झा पहुंचे बाबा दरबार...रूद्राभिषेक कर मांगा जीत का आशीर्वाद
1st Bihar Published by: Updated Sun, 04 Jul 2021 05:45:25 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : रविवार को एडवांटेज केयर वर्चुअल डायलॉग सीरीज में विशेषज्ञों ने ‘स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती‘ पर अपनी बात रखी. वर्चुअल डायलॉग सीरीज के 11वें एपिसोड में डायटीशियन रितिका समादर ने कहा कि जीवन में अनुशासन बेहद जरूरी है। भोजन में भी अनुशासन की आवश्यकता होती है. जब बात रोग प्रतिरोधक क्षमता या इम्युनिटी की हो हम जितना स्थानीय व मौसमी फल-सब्जी खाएंगे उतना बेहतर होगा. स्थानीय और मौसमी फल-सब्जी सस्ता भी होता है और आसानी से मिल भी जाता है.इसका स्टोरेज भी आसान होता है.इसमें ज्यादा पोषक तत्व या न्यूट्रिशन होते हैं.
11वां एपिसोड रविवार चार जुलाई को दिन के 12 से एक बजे के बीच जूम पर आयोजित किया गया था। परिचर्चा में रितिका ने बताया कि जब हम पोषक तत्व की बात करते हैं तो प्रोटीन सबसे महत्वपूर्ण होता है। यह दाल, मछली, मांस, बीज वाले अनाज में आसानी से मिल जाता है। रितिका ने कहा कि जो हम खा रहे हैं और वह आसानी से पच रहा है तो आपका ब्रेन अच्छा काम करेगा। अच्छे बेक्टिरिया से गट हेल्थ अच्छा होता है। यदि गट हेल्थ रहेगा तो रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होगी। लेकिन ऐसी कोई चीज नहीं है जिसका खाते ही तुरंत इम्युनिटी बढ़ जाए या घट जाए। इसमें थोड़ा समय लगता है। यह लाइफ स्टाइल का मामला है। जिनको कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ है और इम्युनिटी अच्छी है तो वो आसानी से उबर जाते हैं। लेकिन खानपान के साथ व्यायाम और नियंत्रित वजन भी जरूरी है। आहार कोविड के दौरान और कोविड के बाद भी महत्वपूर्ण है। रितिका मैक्स हेल्थ केयर (साकेत) में चीफ डायटीशियन हैं। कार्यक्रम का संचालन जानी मानी टीवी एंकर अफशां अंजुम ने किया।

कोरोना का टीका हमें सुरक्षा मुहैया कराता है: डाॅ. संजीव कुमार
परिचर्चा में एम्स(पटना) के कार्डियक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष और कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉ. संजीव कुमार भी शामिल हुए। उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि कोरोना का टीका बेहद जरूरी है। यही हमें कोरोना से बचा सकता है। टीके प्रकृति के बारे में बताया कि वायरस की तरह यह भी स्पाइक प्रोटीन से बना है। जब यह कोशिका तक पहुंचता है तो यह हमारे इम्यून सिस्टम को जगाता है। यदि कोरोना टीकाकरण के बाद कोरोना वायरस अटैक करता है तो यह टीका एंटी -बॉडी बनाता है। जिसकी वजह से हमें कोरोना से सुरक्षा मिलती है।
यदि किसी को कोविड हो गया है तो वो तीन माह बाद ही कोरोना का टीका लें। लेकिन जिनको नहीं हुआ है वो तत्काल टीका ले लें। इसके अलावा कोविड के अनुसार अपनी दिनचर्या रखें। उन्होंने कोविड के दौरान या कोविड के बाद हृदय संबंधी समस्या पर भी बोले। कहा, कोरोना के दौरान या कोरोना के बाद खून का थक्का जमने की समस्या होती है। इसकी वजह से हृदय की धमनियों में भी थक्का जम जाता है तो कई तरह के हृदय संबंधित समस्या उत्पन्न हो जाती है। हृदयाघात भी होता है। इसलिए कोरोना के मरीज अपने हृदय का खास ख्याल रखें।
योग रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का अचूक तरीका: योगाचार्य रवि झा
परिचर्चा में शामिल योगाचार्य रवि झा ने बताया कि योग अनुशासन और परस्पर निरंतरता की चीज है। योग हाल में काफी चिंतन-मनन हुआ है। निश्चित रूप से योग रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने का अचूक तरीका है। लॉक डाउन के दौरान जब लोग जिम नहीं जा सकते थे या बाहर व्यायाम नहीं कर सकते थे। तब सिर्फ योग ही खुद को तंदुरुस्त और स्वस्थ्य रखने का साधन था। योग बाहरी नहीं बल्कि आंतरिक असर करता है। प्राणायाम इम्युन को बढ़ाता है। योग के बारे में हम जितना सोचते हैं उससे कहीं ज्यादा यह फायदा पहुंचाता है। योग आत्मा को प्रकृति से जोड़ता है। यदि हमारी दिनचर्या ठीक नहीं है तो कोई आहार फायदा नहीं करेगा।
योग का मूल आधार मानसिक स्वास्थ्य है। मानसिक स्वास्थ्य की जब बात होती है तो सांसों पर नियंत्रण जरूरी है। प्राणायाम 15 मिनट कर के फेफड़ा और नाड़ी तंत्र को दुरुस्त रखा जा सकता है। यदि किसी को अस्थमा है तो प्राणायाम करें। गौरतलब है कि रवि झा विश्व रिकॉर्ड धारी योगाचार्य हैं। इन्होंने तीन घंटा तक शीर्षासन किया है। इसी तरह 45 मिनट तक लोटस हेड स्टेंड किया है। 24 घंटा 30 मिनट तक जल योग कर चुके हैं।
हम पंचभूत से बने हैं और उसी को नष्ट कर रहे है: ऋचा रंजन
परिचर्चा में नेचुरलिस्ट ऋचा रंजन भी शामिल हुई। उन्होंने कहा कि जब हम प्रकृति की बात करते हें तो उसे बाह्य चीज मानते हैं। मान लेते हैं कि एक दिन पौधा लगा देने से काम चल जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं है। हम पंचभूत से बने हैं। लेकिन दुर्भाग्य से उसे ही नष्ट कर रहे हैं। दरअसल, हम उसे नहीं बल्कि खुद को नष्ट कर रहे हैं। हमने रातों रात अपने स्वास्थ्य को नहीं खोया है। यदि हम डायबिटीज की बात करें तो किसी परिवार में एक व्यक्ति को यह रोग होता है तो आमदनी का 20 से 25 प्रतिशत हिस्सा उस पर खर्चा करना पड़ता है। इसी तरह यदि किसी बच्चे को डायबिटीज होता है तो 30 से 35 प्रतिशत खर्च करना पड़ता है।
अब तक हम बीमारी की देखभाल पर खर्च कर रहे हैं। अच्छा होगा कि स्वास्थ्य की देखभाल पर ज्यादा खर्च करें। हम ध्यान दें कि आखिर क्यों इतने बीमार पड़ रहे हैं। मेरा मानना है, ‘जैसा अन्न, वैसा मन‘। जंक को हमने आहार बना लिया। आज हम दिन रात गेहूं के बने सामान खाते हैं। जो 40-50 वर्ष पहले खाते थे वो अब नहीं खा रहे हैं। पहले हम कोदो, टेंगून, बाजरा, जौ आदि खाते थे। आज हमारे भोजन का अधिकांश हिस्सा बाहर से आ रहा है। मसाला तक बाहर से आ रहा है। जो हम खा रहे हैं, क्या उसके लिए हम बने हैं। सोचना चाहिए कि भोजन मिट्टी से आता है, फैक्ट्री से नहीं। ऋचा आईआईटी रूड़की से बीटेक की हैं। काफी समय तक कॉरपोरेट प्रोफेशनल के रूप में कार्यरत रहीं। अब नेचुरलिस्ट हो गई हैं।
अंतर्मुखी जीवन में शामिल रहा: अनु सिंह चैधरी
लेखक, अनुवादक और स्क्रीन राइटर अनु सिंह चैधरी भी परिचर्चा में शामिल हुईं। उन्होंने कहा कि अंतर्मुखी लुकिंग जीवन की दिनचर्या रही। यह बेहतर खानपान, अभ्यास, योग, व्यायाम से ही हो सकता हे। इनमें सबसे महत्वपूर्ण ध्यान है। रचनात्मक होने के लिए भी अनुशासन जरूरी है। यह अभ्यास के साथ आता है। मेरे फिल्म सीरीज में एक किरदार सुष्मिता है। उसका फिटनेस स्तर काफी अच्छा है।