ropeway accident : रोहतासगढ़ रोपवे हादसे में मंत्री ने लिया एक्शन, दो इंजीनियर को किया सस्पेंड; एजेंसी को किया ब्लैकलिस्टेड

रोहतासगढ़ रोपवे हादसे की जांच रिपोर्ट आ गई है। IIT पटना की जांच में संवेदक और पथ निर्माण विभाग के इंजीनियर दोषी पाए गए। कार्रवाई तेज, कंपनी ब्लैकलिस्ट।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 30 Dec 2025 12:43:50 PM IST

ropeway accident : रोहतासगढ़ रोपवे हादसे में मंत्री ने लिया एक्शन, दो इंजीनियर को किया सस्पेंड; एजेंसी को किया ब्लैकलिस्टेड

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ropeway accident : रोहतास में हाल ही में हुए रोपवे गिरने के मामले में पथ निर्माण मंत्री दिलीप जायसवाल ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि रोपवे हादसे के तुरंत बाद सरकार ने जांच शुरू कराई थी और अब जांच रिपोर्ट आ चुकी है। जांच में संवेदक और पथ निर्माण विभाग के इंजीनियरों को दोषी पाया गया है। इसके बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है।


मंत्री दिलीप जायसवाल ने बताया कि परियोजना इंजीनियर और जूनियर इंजीनियर को सस्पेंड किया जा रहा है, वहीं निर्माण कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि रोहतासगढ़ पर्वत पर स्थित रज्जू मार्ग में दो स्टेशन टावर और अतिरिक्त पांच टावर का प्रावधान है। इस रोपवे की कुल लंबाई 1326 मीटर है और इसमें 18 केबिन हैं, जिनमें प्रत्येक में चार लोग बैठ सकते हैं।


जायसवाल ने बताया कि रोपवे जनवरी में संचालन शुरू करने वाला था, लेकिन ट्रायल के दौरान लोड टेस्ट के समय एक टावर गिर गया। उन्होंने कहा कि हादसा उस समय हुआ जब टावर नंबर पांच रिटर्न शिप में लौट रहा था और वायर रोपवे स्लिप कर गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि तत्काल संवेदक का कोई प्रतिनिधि टर्मिनल पॉइंट पर मौजूद नहीं था, जबकि हर जगह उनके कर्मचारियों का होना आवश्यक था।


इसके साथ ही उन्होंने बताया कि हादसे के कारणों की जांच IIT पटना के विशेषज्ञ इंजीनियरों को सौंप दी गई है। IIT पटना यह जांच करेंगे कि क्या लोड डिस्ट्रीब्यूशन में कमी रह गई थी। उन्होंने कहा कि दोषी संवेदक को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा और दो इंजीनियरों पर भी कार्रवाई होगी। मंत्री ने यह भी कहा कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी और IIT के विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर सभी कमियों का पता लगाया जाएगा।


रोपवे हादसे के अलावा, दिलीप जायसवाल ने कांग्रेस और राजद के संबंधों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि राजद और कांग्रेस का रिश्ता हमेशा बेमेल रहा है। उन्होंने बताया कि चुनाव के समय जब तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया गया, तब मुकेश साहनी भी पीछे-पीछे जुड़े थे। उनके अनुसार, कांग्रेस अपने अहंकार के कारण घोषणा करने से कतराती रही और यह अहंकार इसलिए है कि अकलियत मुसलमान वोट कांग्रेस के साथ है।