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1st Bihar Published by: Updated Wed, 23 Nov 2022 09:30:56 PM IST
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PATNA : शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे का बिहार दौरा आज राजनीतिक नजरिए से बेहद दिलचस्प रहा। आदित्य ठाकरे ने तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत की। इस दौरान बिहार को लेकर कई सवालों का जवाब दिया और तेजस्वी के नेतृत्व की खूब तारीफ भी की। आदित्य ठाकरे ने कहा कि तेजस्वी बिहार में बढ़िया काम कर रहे हैं और आगे भी बिहार की जनता को इनसे उम्मीद है। तेजस्वी खुद आदित्य ठाकरे को लेकर नीतीश कुमार से मुलाकात कराने पहुंचे थे। इस दौरान आदित्य ठाकरे और नीतीश कुमार के बीच जो बातचीत हुई वह मुख्यमंत्री आवास से बाहर तो नहीं आ पाई लेकिन फर्स्ट बिहार आपको बताने जा रहा है कि आखिर 2024 को लेकर नीतीश कुमार के मिशन को आदित्य ठाकरे ने किस तरह जोर का झटका धीरे से दे दिया।
शिवाजी के सामने लालू
तेजस्वी और आदित्य ठाकरे की मुलाकात बेहद गर्मजोशी के साथ हुई। आदित्य ठाकरे पटना पहुंचने के बाद जब 10 सर्कुलर आवास पहुंचे तो तेजस्वी उनका इंतजार कर रहे थे। दोनों ने एक दूसरे का अभिवादन किया, गर्मजोशी के साथ हाथ मिलाया। इस दौरान आदित्य ठाकरे ने तेजस्वी यादव को छत्रपति शिवाजी महाराज का मोमेंटो तो भेंट किया। जवाब में तेजस्वी यादव ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर आधारित दो किताबें आदित्य ठाकरे को भेंट कर दी। एक तरफ आदित्य ठाकरे जहां महाराष्ट्र के गौरवशाली इतिहास से तेजस्वी को वाकिफ करा रहे थे तो वही तेजस्वी यादव ने यह बताने की कोशिश की कि आज भी बिहार का मतलब लालू यादव है।
नीतीश को झटका
तेजस्वी यादव जब आदित्य ठाकरे को लेकर मुख्यमंत्री आवास पहुंचे तो वहां नीतीश कुमार से उनकी मुलाकात हुई। इस दौरान उद्धव ठाकरे का हालचाल नीतीश कुमार ने जाना, इसके बाद महाराष्ट्र को लेकर चर्चा हुई और फिर बिहार पर भी बात हुई। लेकिन इस दौरान बात 2024 के लोकसभा चुनाव और विपक्षी एकजुटता तक जा पहुंची। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आदित्य ठाकरे के सामने बीजेपी को मात देने के लिए विपक्षी एकजुटता की बात कर रहे थे तो आदित्य ठाकरे ने राहुल गांधी के नेतृत्व की चर्चा कर दी। फर्स्ट बिहार को अंदरूनी सूत्रों से जो जानकारी मिली उसके मुताबिक नीतीश के सामने आदित्य ठाकरे ने बता दिया कि राहुल गांधी देश का नेतृत्व बेहतर तरीके से कर सकते हैं। कांग्रेस के बगैर कोई विपक्षी एकजुटता संभव नहीं और राहुल गांधी से बेहतर फिलहाल कोई विकल्प नजर नहीं आता। नीतीश खुद कहते रहे हैं कि वह प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं लेकिन जेडीयू की तरफ से बार-बार यह कहा जाता रहा कि 2024 में नीतीश कुमार लाल किले पर तिरंगा फहराएंगे। ऐसे में जेडीयू की उम्मीदों को शिवसेना की तरफ से भी झटका लग गया है। आपको बताते हैं कि महाराष्ट्र में महाआगाड़ी की सरकार रही है। शिवसेना और कांग्रेस एनसीपी के साथ पहले सरकार चला चुके हैं। ऐसे में राहुल के नेतृत्व पर आदित्य की मुहर कोई हैरत पैदा नहीं करती।